समय से पहले Mutual Fund बंद किया तो देना पड़ेगा टैक्स, जानिए यह नियम

| Updated: Feb 04, 2022, 01:22 PM IST

निवेशकों के लिए mutual fund सबसे लोकप्रिय निवेश करने का जरिया है. अगर आप भी निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है.

डीएनए हिंदी: महंगाई के इस दौर में लोग तेजी के साथ निवेश कर रहे हैं जिससे वे अपने फ्यूचर को सिक्योर कर सकें. इस वजह से लोग mutual fund में भी निवेश करते हैं ताकि शॉर्ट टर्म में अच्छा मुनाफा कमा सकें. आप भी mutual fund में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं जानिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स कैसे लगता है? 

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स क्या होता है?

इनकम टैक्स एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/लॉस साल भर या कम अवधि के गेन-लॉस पर तय किया जाता है. इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड या यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की कोई यूनिट आप अपने पास 12 महीने या उससे कम रखते हैं तो ट्रांसफर डेट से तुरंत पहले होने वाले किसी भी कैपिटल गेन या लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/लॉस (STCG/L) के तौर पर माना जाता है. इसके अलावा अगर म्यूचुअल फंड की एक यूनिट कोई व्यक्ति 36 महीने या उससे कम समय के लिए रखता है तो ट्रांसफर की तारीख से तुरंत पहले होने वाले किसी भी कैपिटल प्रॉफिट को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/लॉस माना जाता है. 


कैसे की जाती है STCG/L की कैलकुलेशन 

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/लॉस का कैलकुलेशन नेट सेल कन्सिडरेशन और अधिग्रहण की लागत (COA) के बीच अंतर के आधार पर की जाती है.

FIFO का इस्तेमाल 

इसका इस्तेमाल तब होता है जब म्यूचुअल फंड सहित खास सिक्योरिटीज के ट्रांसफर के मामलों में शेयरों की खरीद और बिक्री की तारीखों को कोरिलेट नहीं किया जा सकता है. इन मामलों में डिपार्टमेंट के सर्कुलर के आधार पर, टेकओवर की लागत और होल्डिंग अवधि तय की जाती है. इसमें कैपिटल गेन के कैलकुलेशन को पता करने के लिए फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (FIFO) का इस्तेमाल किया जाता है.  

इसके अलावा इमटीरीयल फ़ॉर्म में रखी गई सिक्योरिटीज के मामले में अधिनियम की धारा 45(2A) के तहत यह दर्ज किया गया है कि अधिग्रहण की लागत के साथ-साथ इन सिक्योरिटीज को रखने की अवधि फीफो के आधार पर निर्धारित की जाएगी.

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