डीएनए हिंदी: क्रिसिल रेटिंग्स ने थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पर प्रीमियम दरों पर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में उन्होंने में कहा कि थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पर प्रीमियम दरों में हालिया बढ़ोतरी से मोटर इंश्योरेंस सेगमेंट के अंडरराइटिंग नुकसान की पूरी तरह से भरपाई होने की संभावना नहीं है. 1 जून से थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस की प्रीमियम दरें बढ़ा दी गई हैं.
दोपहिया बीमा के प्रीमियम में सबसे ज्यादा - 12 से 21 प्रतिशत तक - इंजन क्षमता में वृद्धि हुई है. निजी कारों के लिए अधिकतम वृद्धि 6 फीसदी है.
रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा कि "सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वृद्धि’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का दो साल के बाद तीसरे पक्ष के मोटर बीमा (third-party motor insurance) पर प्रीमियम बढ़ाने का कदम सही दिशा में एक कदम है, लेकिन इस खंड की पूरी तरह से ऑफसेट होने की संभावना नहीं है. दो साल के बाद थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पर प्रीमियम सही दिशा में एक कदम है, लेकिन सेगमेंट के अंडरराइटिंग नुकसान को पूरी तरह से ऑफसेट करने की संभावना नहीं है.”
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के मुताबिक थर्ड पार्टी बीमा कवर खुद के नुकसान के अलावा अन्य के लिए है और स्वयं के नुकसान कवर के साथ खरीदना जरूरी है. अंडरराइटिंग नुकसान तब होता है जब किसी बीमा कंपनी की प्रीमियम इनकम से ज्यादा के दावे किए जाते हैं.
एजेंसी ने कहा कि पिछली बार प्रीमियम में बढ़ोतरी जून 2019 में की गई थी और उसके बाद पॉलिसीधारकों को COVID-19 महामारी के कारण कुछ राहत दी गई थी.
इसके वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा कि मोटर बीमा में अंडरराइटिंग का नुकसान ज्यादा रहता है. दरअसल पॉलिसी पर मिले प्रीमियम पॉलिसीधारकों द्वारा किए गए दावों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नहीं है.प्रीमियम में कोई भी वृद्धि नुकसान को कम करने में मदद करती है.
एजेंसी ने कहा कि ऑटोमोबाइल बिक्री में सुधार के साथ, तीसरे पक्ष के मोटर कवर प्रीमियम में 12-13 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है, जो सामान्य बीमा उद्योग के सकल लिखित प्रीमियम (gross written premium) का पांचवां हिस्सा है. दूसरी तरफ लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील और कार्यालयों को फिर से खोलने के बाद पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से अधिकांश बीमा कंपनियों द्वारा किए गए दावों में वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 की अंतिम तिमाही के लिए दावों का अनुपात लगभग 85 प्रतिशत अनुमानित है, जो वित्त वर्ष 2021 में लगभग 78 प्रतिशत था और इस वित्त वर्ष में समान स्तर पर रहने का अनुमान है.
यह भी पढ़ें:
क्या उत्तर प्रदेश में Adani Group के 70 हजार करोड़ के निवेश से हो पायेगा कुछ सुधार?
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.