सीमा विवाद, Boycotts और Ban के बाद भी कैसे देश में बढ़ा China के साथ कारोबार?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 15, 2022, 10:34 AM IST

PM Narendra Modi with Xi Jinping (Photo-PIB/Twitter)

भारत और चीन के बीच कई मुद्दों पर विवाद है. विवादों के बाद भी भारत-चीन के बीच व्यापार बढ़ रहा है.

डीएनए हिंदी: भारत और चीन (China) के बीच रिश्ते कभी सामान्य नहीं रहे. चीन लगातार अपनी आक्रामक नीतियों की वजह से भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करता है. भारत-चीन सीमाओं पर जारी विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब हुए हैं लेकिन व्यापार पर इन प्रतिरोधों का जरा भी असर नहीं पड़ा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में दोनों देशों के बीच का कारोबार 125 डॉलर तक पहुंच गया है. यह 2020 की तुलना में 43.3 फीसदी ज्यादा है. यह स्थिति तब है जब पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में दोनों देशों की सेनाएं आमने आ गई थीं. देश में चीनी उत्पादों और व्यापार को नकराने के लिए बहिष्कार अभियान भी अलग-अलग संगठनों द्वारा चलाए गए.

भारत और चीन के बीच व्यापार 2021 में ऐतिहासिक रहा और 125 बिलियन से ज्यादा का कारोबार दोनों देशों के बीच हुआ. 2021 में भारत और चीन के बीच साझा व्यापार 125.66 बिलियन डॉलरर है. यह 2020 की तुलना में 43.3 फीसदी ज्यादा है. 

कितना बढ़ा चीन के साथ कारोबार?

जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम (GAC) और चीन का आधिकारिक न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2021 में भारत में चीन का निर्यात (Export) 97.52 बिलियन डॉलर था जो 46.2 फीसदी ज्यादा है. वहीं चीन ने भारत से 28.14 बिलियन डॉलर मूल्य के सामान का आयात किया है जो 34.2 फीसीदी से ज्यादा है.

भारत को चीन से क्या है शिकायत?

चीन ने वादों के बावजूद भारतीय कंपनियों को फार्मास्यूटिकल्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉडी जैसे क्षेत्रों तक एक्सेस नहीं दी है. जीएसी के मुताबिक भारत 2021 में चीन का 15वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था. इससे साफ जाहिर होता है कि सीमा विवाद की वजह से बिजनेस पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. साल 2020 में भारत-चीन व्यापार 5.6 प्रतिशत घटकर 87.6 बिलियन डॉलर हो गया था, जो 2017 के बाद सबसे कम था. एक बार फिर चीन के साथ भारतीय व्यापार बेहतर हो रहा है.

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