नेपाल में लॉन्च किया गया भारत का RuPay Payment Card, दोनों देशों को मिलेगी मजबूती

| Updated: Apr 03, 2022, 11:41 AM IST

पीएम नरेंद्र मोदी

RuPay कार्ड अब भूटान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के बाद नेपाल में भी इस्तेमाल होगा. इसे पीएम शेर बहादुर देउबा और पीएम मोदी ने लॉन्च किया है.

डीएनए हिंदी: भारत का Rupay कार्ड अब नेपाल में भी लॉन्च हो गया है. दरअसल नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) भारत की यात्रा पर हैं. शनिवार को पीएम देउबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसके बाद दोनों ने मिलकर नेपाल में RuPay लॉन्च किया. इस दौरान नरेंद्र मोदी और शेर बहादुर देउबा ने भारत सरकार की क्रेडिट लाइन के तहत निर्मित नेपाल में सोलू कॉरिडोर 132 kv पॉवर ट्रांसमिशन लाइन और सबस्टेशन का उद्घाटन किया.

इकोनॉमिक कनेक्टिविटी में वृद्धि करेगी RuPay कार्ड

पीएम मोदी (Narendra Modi) ने RuPay Card को लेकर कहा कि इसकी शुरुआत हमारी इकोनॉमिक कनेक्टिविटी में एक नया चैप्टर जोड़ेगी. वहीं अन्य प्रोजेक्ट जैसे नेपाल पुलिस अकादमी, नेपालगंज में इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट, रामायण सर्किट जैसी योजनाएं भी दोनों देशों के बीच मजबूती लायेंगी. पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे इस बात की ज्यादा खुशी है कि नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सोलन गठबंधन का सदस्य बन गया है. इस गठबंधन से हमारे क्षेत्र में टिकाऊ, सस्ती और साफ एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा.

हालांकि नेपाल के अलावा RuPay कार्ड वाले तीन अन्य देश भूटान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात हैं. व्यापार, निवेश और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग सहित व्यापक मुद्दों पर बातचीत करने के बाद दोनों नेताओं ने कार्ड का शुभारंभ किया. बता दें कि जुलाई 2021 में पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद देउबा अपनी पहली विदेश यात्रा पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे. 

पर्यटन में बढ़ावा होगा

विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कहा कि नेपाल में RuPay कार्ड लॉन्च होने से वित्तीय सहयोग के लिए नए रास्ते खुल जाएंगे और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे द्विपक्षीय पर्यटक प्रवाह में सहायता मिलेगी. साथ ही लोगों के बीच और भी मजबूत संबंध बनेंगे.

RuPay कार्ड की शुरुआत

साल 2012 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान के लिए घरेलू, खुली और बहुपक्षीय प्रणाली के दृष्टिकोण के रूप में RuPay कार्ड योजना की शुरुआत की थी.

नेपाल की सबसे बड़ी इंटरनेशनल बैंक नेपाल SBI बैंक (NSBL) जो की SBI की सहायक कंपनी है ने कहा कि आम जनता इस परियोजना से पूरी तरह परिचित है. नेपाल के सेंट्रल बैंक के समर्थन से एक साल से ज्यादा समय तक इस पहल पर काम किया है.

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