Inflation: बेरोजगारी और महंगाई पर यूं वार करेगी मोदी सरकार

Written By नेहा दुबे | Updated: May 25, 2022, 07:01 PM IST

देश में असमानता

देश में महंगाई लगातार जोर पकड़ रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद का कहना है कि सरकार को जनता की भलाई के लिए एक नई स्कीम लानी चाहिए.

डीएनए हिंदी: बढ़ती महंगाई और देश की जनता की माली हालत देखकर मोदी सरकार अपनी नीतियों में बदलाव कर सकती है. सूत्रों की मानें तो बढ़ती महंगाई की वजह से जनता परेशान है. लोगों की खर्च करने की क्षमता में लगातार कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में सरकार शिद्दत के साथ नीतियों में बदलाव पर विचार कर रही है. 

बढ़ती महंगाई पर सरकार चौतरफा मार की तैयारी कर रही है. हाल ही में सरकार ने पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी में भारी कटौती की है. इसका मतलब लोगों को सीधे राहत देना है. इसके साथ ही सरकार बढ़ती बेरोजगारी से निपटने की भी तैयारी कर रही है. 

सूत्रों की मानें तो महंगाई और बेरोजगारी से निपटने के लिए एक्सपर्ट्स द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को यह सलाह दी गई है कि अगर नीतियों में बदलाव किया जाए तो यह सरकार और जनता, दोनों के लिए फायदेमंद रहेगा. 

आइए हम जानते हैं कि वह कौन सी सलाह है जो इस मुश्किल दौर में भारत की इकॉनमी को और मजबूत करेगी. 

देश में एक आर्थिक सलाहकार परिषद है. इसका काम है समय-समय पर सरकार को सलाह देना. कौन सी आर्थिक नीति कब अपनानी है, यह सलाह देती रहती है. ऐसा माना जा रहा है कि वर्तमान दौर में अमीर और अमीर हो रहे हैं और गरीब और मध्यम वर्ग की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. 

गांवों में बेरोजगारी के मुद्दे से निपटने के लिए सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) शुरू किया था. इसका रिस्पांस काफी पॉजिटिव रहा. कुछ इसी तर्ज पर सरकार अब शहरी इलाके में एम्पलॉयमेंट गारंटी स्कीम (employment guarantee scheme) ला सकती है.सरकार को इसी स्कीम की सलाह प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद ने दी है. इसमें यह सलाह दी गई है कि एक फंड आवंटित करे ताकि शहरी लोगों को रोजगार की मिनिमम गारंटी मिल सके.

ध्यान रहे कि इस आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन विवेक देवराय हैं. वह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार (PM's Economic Advisory Committee) भी हैं. उन्होंने वर्तमान आर्थिक स्थितियों और आंकड़ों के गहन अध्ययन के बाद यह सलाह दी है. देवराय का मानना है कि देश में आर्थिक हालात अभी ठीक नहीं हैं. अगर इस बेरोजगारी की समस्या (unemployment problem) पर ध्यान नहीं दिया गया तो देश की आर्थिक स्थिति खराब हो सकते हैं.

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