डीएनए हिंदी: अगर आपने इंश्योरेंस पॉलिसी लिया है तो आपको इससे जुड़ी सभी शर्तें और नियम मालूम होंगे. अब तक कई बार लोग फर्जी क्लेम कर के इस लाभ का फायदा उठाते थे. हालांकि अब सरकार और इंश्योरेंस कंपनियां इसके लिए सख्त हो गई हैं. अगर अब किसी के साथ कोई भी दुर्घटना होती है तो ऐसी स्थिति में पुलिस अच्छे से छानबीन करेगी उसके बाद ही जरूरी कार्रवाई की जायेगी. भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवाना होगा.
नोटिफिकेशन के मुताबिक सड़क दुर्घटना से जुड़ी रिपोर्ट को तय सीमा में तैयार करना पुलिस की जिम्मेदारी होगी. साथ ही पुलिस को दुर्घटना स्थल की वीडियोग्राफी करनी होगी और एक्सीडेंट के 48 घंटों के अंदर इंश्योरेंस कंपनी और क्लेम ट्रिब्यूनल को सूचना देनी होगी. वहीं डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट भी 60 दिनों के भीतर जमा करनी होगी. सड़क परिवहन मंत्रालय का मानना है कि इस बदलाव से तेजी के साथ फर्जी दावों पर लगाम लगेगी और दावों पर लगाम लगेगा.
फर्जी क्लेम पर ऐसे लगेगा लगाम
- केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया.
- इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) में मोबाइल नंबर देना जरूरी होगा.
- पुलिस सड़क दुर्घटना स्थल की फोटो/वीडियोग्राफी जारी करेगी.
- 48 घंटों के अंदर पुलिस FAR रिपोर्ट क्लेम ट्रिब्यूनल और इंश्योरेंस कंपनी को रिपोर्ट भेजेगी.
- दुर्घटना के 50 दिनों के भीतर अंतरिम एक्सीडेंट रिपोर्ट क्लेम ट्रिब्यूनल को सुपुर्द करनी होगी.
- क्रिमिनल केस की जांच 60 दिनों के भीतर करनी होगी.
- इंश्योरेंस कंपनी डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट मिलने के 30 दिनों के भीतर अमाउंट का दावा तय करेगी.
- विवादित क्लेम के लिए दुर्घटना तारीख से एक साल के भीतर जांच के आधार पर इंश्योरेंस कंपनी को फैसला लेना होगा.
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