अनाथालय में परवरिश, 16 की उम्र में जबरन शादी, अब करोड़ों की नेटवर्थ, कौन हैं ये बिजनेस टाइकून

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 15, 2023, 01:17 PM IST

Jyothi Reddy.

ज्योति रेड्डी एक मजदूर की बेटी थीं. उनकी शुरुआती जिंदगी बेहद मुश्किलों भरी रही. उन्होंने जब कुछ हासिल किया तो दुनिया देखती रह गई. पढ़ें उनकी सक्सेस स्टोरी.

डीएनए हिंदी: अगर आपके पास हिम्मत है, सही योजना है और काम करने की आदत है तो आप अपनी दुनिया बदल सकते हैं. ज्योति रेड्डी की जिंदगी से कुछ ऐसी ही सीख मिलती है. उनकी राह में हजारों बाधाएं थीं, गरीबी थी, शिक्षा के लिए तरस रहीं थीं लेकिन उनकी पूरी जिंदगी बदल गई. वे अब अरब डॉलर की एक सॉफ्टरवेयर कंपनी की चीफ एग्जीक्युटिव ऑफीसर (CEO) हैं. कुछ साल पहले ऐसा उनके लिए सोचना भी बेहद मुश्किल था, पर अब उनके पास हर वो चीज है, जिसे वो हासिल करना चाहती थीं.

ज्योति रेड्डी की जिंदगी आसान नहीं थी. वह करोड़पति हैं लेकिन महज 8 साल की उम्र में उनके मजदूर पिता ने उन्हें अनाथालय भेज दिया. वे उन्हें पाल नहीं पा रहे थे. पिता को उम्मीद थी कि अनाथालय में जाकर शायद उसे बेहतर जिंदगी मिल जाए. उनके कुल 5 भाई-बहन थे. वे अपने माता-पिता की दूसरी संतान हैं. अनाथालय की ओर से उनका एडमिशन एक सरकारी स्कूल में कराया गया. पढ़ाई पूरी ही नहीं हुई इससे पहले उनकी शादी करा दी गई.

16 की उम्र में जबरन शादी, खेतों में करती थीं मजदूरी
ज्योति रेड्डी की शादी महज 16 की उम्र में हुई. उन्हें शादी करने के लिए मजबूर किया गया. 18 साल की उम्र तक वे दो बेटियों की मां बन गईं. वह खुद आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं लेकिन उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा था. उन्होंने खेतों में महज 5 रुपये रोज पर खेतों में भी काम किया. 

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सिलाई करके किया गुजारा, पूरी की पढ़ाई
केंद्र सरकार की एक योजना का उन्हें लाभ मिला और उनकी पढ़ाई लिखाई पूरी हुई. पैसे नहीं थे इसलिए वे रात में सिलाई करती थीं. इससे उनका दैनिक खर्च निकलने लगा. थोड़ी सी आत्मनिर्भरत हुईं तो वे परिवार के दबाव के बाद भी अपने पैरों पर खड़ी हो गईं. उन्होंने साल 1994 में डॉ बीआर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की. फिर साल 1997 में काकतीय यूनिवर्सिटी से से पीजी की डिग्री हासिल की. पढ़ाई की बदौलत उनकी कमाई बढ़ती गई. उन्हें 398 रुपये प्रति माह मिलने लगा जो पर्याप्त नहीं था.  

अमेरिका जाकर बदली जिंदगी
इनकी जिंदगी में नया मोड़ तब आया जब एक अमेरिकी रिश्तेदार घर आए. उन्होंने विदेश में मिल रहे अवसरों के बारे में जानकारी हासिल की. ज्योति ने कंप्युटर की शिक्षा ली और विदेश चली गईं. उन्होंने अपनी बेटियों को भी वहीं बुला लिया. अमेरिका में उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की. 

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पेट्रोल पंप पर भरा पेट्रोल-डीजल
अमेरिका की भी जिंदगी आसान नहीं थी. उन्हें एक पेट्रोल पंप तक पर काम करना पड़ा. बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें तमाम छोटो-बड़े काम करने पड़े. उनकी पहली नौकरी एक प्रोफेशनल के तौर पर हुई थई लेकिन बच्चों की परवरिश के लिए कई सारे दूसरे काम भी करने पड़े. साल 2021 तक उन्होंने कुल 40,000 डॉलर की बचत कर ली, जिसके बाद अपना काम शुरू किया.

अब हैं बिलियन डॉलर कंपनी की मालिक
उन्होंने अपना बिजनेस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस की शुरुआत की. यह कंपनी धीरे-धीरे बढ़कर 15 मिलियन डॉलर के टर्नओवर तक पहुंच गई और अंततः 2017 में एक बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई. ज्योति रेड्डी अब हर किसी के लिए एक प्रेरणा हैं. उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदल लिया है.

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