क्या है Crypto Coin और Crypto Token में फर्क ?

| Updated: Jan 27, 2022, 07:26 PM IST

Crypto currency

सभी क्रिप्टो कॉइन्स को आप टोकन कह सकते हैं लेकिन सभी टोकन, कॉइन की कैटेगरी में नहीं आते.

डीएनए हिंदी: Crypto Currency इस वक्त Investors के बीच एक हॉट टॉपिक है. हर तरफ इसी की चर्चा है तो ऐसे में हम इसके बारे में आपके लिए थोड़ी और जानकारी लेकर आए हैं. दरअसल हमने देखा कि अक्सर इन्वेस्टर Crypto Coin को Token और Crypto Token को Coin कहने की गलती कर बैठते हैं. यह प्रैक्टिस गलत है क्योंकि दोनों बिल्कुल अलग चीजे हैं. 

सभी क्रिप्टो कॉइन्स को आप टोकन कह सकते हैं लेकिन सभी टोकन, कॉइन की कैटेगरी में नहीं आते. मजेदार बात यह है कि कई यूजर्स को खुद पता नहीं होता कि वे क्रिप्टो कॉइन खरीद रहे हैं या टोकन. ये दोनों ही डिजिटल एसेट हैं और दोनों का अपना यूजर बेस है. इन दोनों के बीच का फर्क उनकी यूटिलिटी का है. कुछ ऐसे काम हैं जिनके लिए टोकन का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं कुछ ऐसे प्लैटफॉर्म हैं जो कॉइन एक्सेप्ट करते हैं लेकिन टोकन नहीं. 

क्रिप्टो कॉइन्स का एक अलग ब्लॉकचेन होता है. वहीं टोकन का अपना ब्लॉकचेन नहीं होता है. उन्हें क्रिप्टो कॉइन के मौजूदा ब्लॉकचेन पर ही बनाया जाता है. एक ब्लॉकचेन हजारों टोकंस को होस्ट कर सकता है. उदाहरण के तौर पर ईथेरियम के ब्लॉकचेन पर मेकर BAT, टेथर जैसे टोकन बनाए गए हैं.

स्टेबल कॉइन्स भी इसी कैटेगरी के अंदर आती हैं. जब कोई टोकन एक्सचेंज होता है तो वह असल में ओनर के पास से दूसरे के पास जाता है. नॉन फंजिबल टोकन्स या एनएफटी इसका सबसे सही एग्जाम्पल हैं. एनएफटी किसी ओनरशिप का सर्टिफिकेट होता है इसलिए एनएफटी एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर की जाती है जबकि क्रिप्टो कॉइन्स के मामले में ऐसा नहीं होता.

क्रिप्टो कॉइन से जुड़ी किसी भी ट्रांजैक्शन पर सिर्फ आपका अकाउंट बैलेंस बदलता है और वह ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज हो जाती है. यह बिल्कुल एक सामान्य बैंक ट्रांसफर जैसा है. जहां किसी ट्रांजैक्शन पर असल में कोई रुपया या पैसा एक जगह से दूसरी जगह नहीं जाता बल्कि अकाउंट का बैलेंस बदलता है.

दोनों में एक और फर्क उनकी दिखाई जाने वाली वैल्यू का है. एक इन्वेस्टर के लिए कॉइन और टोकन दोनों एक ही तरह काम करते हैं. दोनों एक खास मकसद को पूरा करते हैं और उनकी कीमतें ग्रोथ और स्वीकार्यता के आधार पर बदलती रहती हैं.

एक्सपर्ट्स की सलाह है कि कोई सामान खरीदने के लिए कॉइन सही हैं लेकिन सर्विस का इस्तेमाल करना है तो वहां टोकन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इन्वेस्टमेंट के लिहाज से देखें तो टोकन, कॉइन से बेहतर ऑप्शन है. क्योंकि उन्हें किसी खास वजह से बनाया गया है और उनकी डिमांड जल्दी खत्म नहीं होने वाली.

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