2000 रुपये के कार्ड ट्रांजेक्शन पर अब 18% टैक्स, GST काउंसिल के फैसले से कटेगी मिडिल क्लास की जेब

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Sep 09, 2024, 03:07 PM IST

Latest GST Updates: आज GST Council की 54वीं बैठक में यह फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद अब यदि आप अपने डेबिट या  क्रेडिट कार्ड से 2,000 रुपये तक का छोटा भुगतान भी करते हैं तो उस पर पेमेंट गेटवे से 18% जीएसटी वसूला जाएगा.

Latest GST Updates: यदि आप क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से लेनदेन करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. अब क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से 2,000 रुपये से कम का भुगतान करने पर 18% जीएसटी लगेगा. यह 18% जीएसटी ट्रांजेक्शन की मर्चेंट फीस (पेमेंट गेटवे को दिया जाने वाला शुल्क) पर वसूला जाएगा. इस बात का फैसला सोमवार को GST Council की 54वीं बैठक के दौरान लिया गया है. CNBC आवाज की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी काउंसिल ने यह फैसला फिटमेंट कमेटी की राय पर लिया है, जिसने पेमेंट गेटवे उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से मर्चेंट फीस पर 18% जीएसटी वसूले जाने की सिफारिश की थी. हालांकि पेमेंट एग्रीगेटर्स ने सरकार से इसे लागू नहीं करने की गुहार लगाई थी, लेकिन जीएसटी काउंसिल में शामिल सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने इस मामले में पेमेंट गेटवे कंपनियों को कोई छूट नहीं देने का निर्णय लिया है. 

कस्टमर्स पर नहीं पड़ेगा फर्क

रिपोर्ट के मुताबिक, फिटमेंट कमेटी ने पेमेंट एग्रीगेटर्स को छोटे ट्रांजेक्शन पर जीएसटी छूट नहीं दिए जाने की सिफारिश की है. कमेटी की राय है कि एग्रीगेटर्स की कमाई पर 18% जीएसटी वसूला जाए. इस जीएसटी वसूली से ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहक पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. पहले यह प्रस्ताव काउंसिल की अगली बैठक में रखने की संभावना लग रही थी, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब इस पर फैसला ले लिया गया है. 

नोटबंदी के बाद से नहीं लिया जा रहा था टैक्स

2,000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन पर सर्विस टैक्स (तब GST नहीं था) नहीं लेने का फैसला दिसंबर, 2016 में हुआ था.
नोटबंदी के बाद बाजार में रुपये की कमी को देखते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला हुआ था.

18% जीएसटी लगने से कितनी कटेगी हमारी जेब

  • पेमेंट एग्रीगेटर्स हर ट्रांजेक्शन के लिए 0.5% से 2% तक की फीस लेते हैं.
  • आमतौर पर अधिकतर ट्रांजेक्शन में औसतन यह फीस 1% की होती है.
  • अभी तक आमतौर पर बड़े व्यापारी यह फीस ग्राहक से नहीं वसूलते हैं.
  • छोटे व्यापारी कार्ड ट्रांजेक्शन पर यह फीस बिल से अलग ग्राहक से ही लेते हैं.
  • पेमेंट गेटवे इस फीस पर लगने वाली जीएसटी का बोझ भी व्यापारी पर डाल सकते हैं.
  • इस जीएसटी का बोझ यदि व्यापारी पर आया तो वह ग्राहक के बिल का हिस्सा बनेगा.
  • 1000 रुपये के ट्रांजेक्शन पर 1% फीस के हिसाब से ग्राहक को 1010 रुपये चुकाने पड़ते हैं.
  • ट्रांजेक्शन पर इस 10 रुपये की 1% फीस पर अब 18% जीएसटी लगेगा तो वह 1.8 रुपये बैठेगा.
  • 1.8 रुपये की यह रकम यदि व्यापारी ग्राहक से ही वसूलेगा तो ग्राहक को 1010 रुपये के बजाय 1011.8 रुपये चुकाने होंगे.

क्या होते हैं पेमेंट एग्रीगेटर्स

पेमेंट एग्रीगेटर्स वे कंपनी हैं, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम-कानूनों के तहत डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया अपने प्लेटफॉर्म के जरिये पूरी कराते हैं. ये कंपनियां एक तरीके से ग्राहक के क्रेडिट कार्ड वाले बैंक और व्यापारी के बीच मिडिलमैन की भूमिका में होती हैं. ये ऑनलाइव पेमेंट की सुविधा देने और उस पैसे को ग्राहक के खाते से व्यापारी के खाते तक पहुंचाने का काम करती हैं. 

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