डीएनए हिंदी: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का आईपीओ आ रहा है. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. आशंका जताई जा रही है कि मार्च में इसका आईपीओ आ सकता है. सरकार इसमें 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 40 से 50 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है. एलआईसी की तरफ से आईपीओ के लिए DRHP फाइल कर दिया गया है जिसके बाद आईपीओ के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. एलआईसी के आईपीओ का इश्यू 60 हजार से 90 हजार करोड़ रुपये तक का हो सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसका आईपीओ निफ्टी 50 में शामिल हो सकती है.
मनीकंट्रोल पर UBS ग्लोबल रिसर्च के मुताबिक ''मार्केट कैप के लिहाज से एलआईसी इंडिया की तीसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी होगी. फ्री-फ्लोट के लिहाज से यह 32वीं सबसे बड़ी कंपनी होगी. इसके चलते इसे निफ्टी 50 इंडेक्स में जगह मिलने की उम्मीद है." हालांकि यह आईपीओ ऐसे वक्त में आ रहा है जब मार्केट का सेंटीमेंट काफी कमजोर है. रूस-युक्रेन के बीच बढ़ते तनाव, क्रूड की उंची कीमतों और अमेरिका में इंटरेस्ट रेट बढ़ने के अनुमान से मार्केट पर दबाव बना हुआ है.
क्या होता है डीआरएचपी?
डीआरएचपी को ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्टपेक्टस कहते हैं. यह एक किस्म का ऑफर डॉक्युमेंट होता है. इसे मर्चेंट बैंकर आईपीओ पेश करने वाली कंपनी के साथ मिलकर तैयार करते हैं. इस डॉक्यूमेंट में कंपनी और उसके कारोबार की पूरी जानकारी होती है.
एलआईसी का आईपीओ क्यों दिला सकता है मुनाफा?
एलआईसी के पक्ष में सबसे अच्छी बात यह है कि उसकी ब्रांडिंग बहुत मजबूत है. यह दुनिया की टॉप 10 कंपनीज में आता है. एलआईसी भारत के हर एक घर में अपनी पैठ बना चुका है. साल 2000 से पहले की यह देश की इकलौती जीवन बीमा कंपनी है. भारत में काफी लोगों ने एलआईसी में निवेश किया है जिसकी वजह से इसे ब्रांडिंग की जरुरत नहीं है.
एलआईसी के कितने ग्राहक हैं?
देशभर में एलआईसी के लगभग 12 लाख एजेंट्स हैं. इसके बीमाधारकों की बात की जाए तो यह आंकड़ा लगभग 29 करोड़ से भी ज्यादा है. भारत में इसके 2000 से ज्यादा ब्रांच हैं. इस तरह इसकी पहुंच देश के कोने-कोने में है. बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 66 प्रतिशत है. यह इंश्योरेंस मार्केट में इसकी दमदार स्थिति को बताता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि एलआईसी कंपनी अपने बीमाधारकों को कम भाव में शेयर खरीदने का मौका दे सकती है. इसकी वजह से बड़ी संख्या में निवेशकों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है.
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