डीएन हिंदीः भले ही देश में निवेश के साधनों में शेयर मार्केट तेजी से आगे बढ़ रहा हो किन्तु खास बात ये है कि आज भी लोगों का पहला रुझान एलआईसी पर ही रहता है. हाल ही में LIC ने अपनी एक नई स्कीम लॉन्च की है जो कि ग्राहकों के लिए फायदे का पर्याय साबित हो सकती है. कंपनी ने ग्राहकों को निवेश के लिए लुभाने की नीति से नॉन लिक्विड सिंगल प्रीमियम स्कीम लॉन्च की है जो कि लोगों को उनकी आखिरी सांस तक पेंशन की सुविधा प्रदान करेगी.
क्या है ये LIC की ये स्कीम
इस स्कीम को लेकर हाल ही में एलआईसी ने आधिकारिक जानकारी साझा करते हुए बताया है कि LIC इस योजना में सभी जीवन बीमाकर्ताओं के लिए समान नियम और शर्तें रखी गई हैं. LIC की इस स्कीम के तहत पॉलिसीधारक दो उपलब्ध विकल्पों में से कोई एक एन्युटी चुन सकता है. खास बात ये भी है कि इस स्कीम में पॉलिसी शुरू होने की तारीख के 6 महीने के बाद लोन भी मिल सकता है.
क्या है इसकी सुविधाएं
LIC ने इस इश्योरेंस का नाम सरल पेंशन योजना रखा है. इसको कंपनी के मुताबिक इसे लेने के दो महत्वपूर्ण विकल्प हैं-
- पहले विकल्प के मुताबबिक Life Annuity With 100 return of purchase price है. इसकी खास बात ये है कि ये पेंशन सिंगल लाइफ के लिए है. इसके मुताबिक पति या पत्नी में से किसी एक से ही पेंशन जुड़ा होगा, जबतक पेंशनधारी जिंदा रहेंगे उन्हें पेंशन मिलती रहेगी. वहीं उनकी मौत के बाद पॉलिसी लेने के लिए दिए गए बेस प्रीमियम को उनके नॉमिनी को वापस कर दिया जाएगा.
- इसके अलावा कंपनी की पॉलिसी के दूसरे विकल्प की बात करें तो ये Joint Life के लिए दिया जाता है. इसमें पेंशन पति-पत्नी दोनों से लिंक्ड होती है. इसमें पति या पत्नी, जो भी आखिर तक जीवित रहते हैं, उन्हें पेंशन मिलती रहती है.
- दूसरी वाली स्कीम के तहत जितनी पेंशन किसी एक व्यक्ति को जिंदा रहते मिलेगी, उतनी ही पेंशन राशि किसी एक की मृत्यु के बाद दूसरे जीवनसाथी को भी जीवनभर मिलती रहती है. वहीं जब दूसरा पेंशनधारी भी दुनिया छोड़कर चला जाता है तो नॉमिनी को वह बेस प्राइस दे दी जाती है जो कि पॉलिसी लेते वक्त चुकाई गई थी.
पेंशन चुनने का भी होगा हक
खास बात ये है कि जैसे ही इस स्कीम का प्रीमियम भरा जाएगा, उसके तुरंत बाद से ही ग्राहकों को पेंशन की पात्रता प्राप्त हो जाएगी. पेंशनधारक के पास ये विकल्प होता है कि वे पेंशन हर महीने लेगा, तिमाही लेगा, छमाही लेगा या साल भर में एक बार लेगा ये उसे ही चुनने की छूट दी जाएगी. धारक जो भी विकल्प चुनेगा, उसी तरह से उसकी पेंशन की शुरुआत हो जाएगी.