डीएनए हिंदी: गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही फलों के राजा यानी आम (Mango) के प्रति लोगों की दिलचस्पी देखने को मिलने लगी है. भारत में आम को सबसे खास फल माना जाता है. इसका सेवन भी लोग अलग-अलग तरीके से करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि आम केवल भारत में ही लोकप्रिय है बल्कि भारतीय आम की यह दीवानगी विदेशों में भी है और इसका नतीजा यह है कि भारत प्रत्येक वर्ष करीब 46 हजार टन आम का निर्यात करता है.
विदेशों में पंसद किया जाता है आम
भारतीय आम आज भी दुनियाभर में खूब शौक से खाया और खिलाया जाता है. विश्वभर में भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. यहां से आम की लगभग 1,000 वैरायटीज़ दुनियाभर में निर्यात होती हैं. अल्फांसो, केसर, तोतापुरी और बंगनपाली जैसी वैराइटीज़ का निर्यात सबसे ज्यादा होता है. भारत से आम का निर्यात तीन फॉर्म्स में होता है- एक तो फ्रेश आम, दूसरा आम का पल्प (Mango Pulp) और तीसरा आम के स्लाइस (Mango Slice). इन तीनों की काफी लोकप्रियता है.
खास बात यह है कि भारत के अलावा भी कई देश Mango का निर्यात करते हैं. ऐसे में भारत के कंपीटीटर्स की यदि बात करें तो इनमें ब्राज़ील, मैक्सिको, पाकिस्तान, पेरु, थाइलैंड, यमन, और नीदरलैंड्स जैसे देश शामिल हैं.
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इन देशों में होता है निर्यात
भारत में Mango के निर्यात की बात करें तो सबसे ज्यादा निर्यात यूएई को होता है जहां करीब 151.04 करोड़ रुपये का निर्यात होता है. इसी तरह यूके में 58.28 करोड़, कतर में 19.16, ओमान 16.84, कुवैत 9.62, सिंगापुर 5.93, बहरीन 4.21. जर्मनी 2.07, कनाडा 2.04 और सऊदी अरब में 1.83 रुपये के आम का निर्यात होता है.
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