Who is Abhishek Lodha: भारत में सैकड़ों अरबपति घराने हैं, जो चैरिटी के कामों में लगे रहते हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति का एक पूरा हिस्सा ही गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए दान कर दिया है. इनमें विप्रो (Wipro) के अजीम प्रेमजी (Azim Premji) और दिवंगत रतन टाटा (Ratan Tata) जैसे लोग भी सामिल हैं, जो दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं. ऐसी ही प्रेरणा के कारण एक अरबपति बिजनेसमैन ने अपनी संपत्ति में से करीब 20,000 करोड़ रुपये परोपकार के कामों में खर्च करने की शपथ ली है. यह शख्स हैं अभिषेक लोढा (Abhishek Lodha), जिन्हें रियल एस्टेट टायकून कहा जाता है.
मेरिटोरियस बच्चों को आगे बढ़ाएंगे लोढा
अभिषेक लोढा ने टाटा परिवार के पद्चिह्नों पर चलते हुए 'लोढा जीनियस प्रोग्राम' फाउंडेशन लॉन्च करने की तैयारी की है, जो पूरे देश में मेरिटोरियस बच्चों को फाइनेंशियल, मेंटरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और एडवांस लर्निंग जैसी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराएगा. इसके लिए लोढा और उनके परिवार ने अपनी शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी मैक्रोटेक डवलपर्स (MDL) के अपने शेयर्स में से 20,000 करोड़ रुपये के शेयर ट्रांसफर करने की शपथ इस सोमवार को ली है. अभिषेक लोढा ने PTI से कहा,'हम जल्द ही MDL के करीब 20,000 करोड़ रुपये के अपने शेयर लोढा जीनियस प्रोग्राम के लिए लोढा फिलॉनथ्रोपी फाउंडेशन (LPF) को ट्रांसफर करेंगे. इस फाउंडेशन के तहत चलाई जाने वाली सामाजिक पहल की देखरेख के लिए अगले साल जनवरी में एक एडवाइजरी बोर्ड गठित किया जाएगा.' बता दें कि लोढा फिलॉनथ्रोपी फाउंडेशन लोढा ग्रुप का गैर-लाभकारी संगठन है, जो अपनी आय और संपत्तियों को पूरी तरह से राष्ट्रीय और सामाजिक समस्याओं के लिए उपयोग करता है.
MDL की 72% हिस्सेदारी में से 18% शेयर LPF को देगा लोढा परिवार
अभिषेक लोढा देश की टॉप रियल एस्टेट डवलपर कहलाने वाली मैक्रोटेक डवलपर्स लिमिटेज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हैं. लोढा ब्रांड के तहत काम करने वाली इस कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये है. रियल एस कंपनी में लोढा परिवार के पास 72.11% हिस्सेदारी है. अभिषेक लोढा और उनका परिवार MDL में से अपने करीब 18-19% शेयर LPF को ट्रांसफर करेंगे.
20,000 करोड़ रुपये से क्या करेगा LPF?
PTI के मुताबिक, LPF को लोढा परिवार से मिलने वाली 20,000 करोड़ रुपये की रकम से यह संगठन शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और स्थिर शहरीकरण जैसे प्रोग्राम में कई तरह की सामाजिक पहल लॉन्च करेगा. यह काम LPF को कंपनी में मिले शेयरों के बदले हर साल डिविडेंड के तौर पर कंपनी के मुनाफे से मिलने वाली रकम से किया जाएगा. प्राथमिक तौर पर LPF को 20,000 करोड़ रुपये की रकम मिलेगी.
क्यों उठाया है लोढा परिवार ने ऐसा कदम?
जब अभिषेक लोढा से ऐसा कदम उठाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा,' करीब 100 साल पहले टाटा परिवार ने अपनी कंपनी में एक बड़ी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट को ट्रांसफर की थी. इस कदम ने भारत पर बड़ा प्रभाव डाला है. टाटा ट्रस्ट्स के किए काम ही मेरे लिए प्रेरणा बने हैं साल 2013 में शुरू किए गए LPF द्वारा पहले से ही बहुता सारे सामाजिक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें 'लोढा उन्नति' भी शामिल है. लोढा उन्नति के जरिये भारत में कॉरपोरेट सेक्टर के कामगारों के बीच महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा यह इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड मैथामेटिक्स (IAM) को भी सपोर्ट करता है.
(With PTI Inputs)
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