डीएनए हिंदी: मोदी सरकार नए श्रम कानून के कोड का ड्राफ्ट तैयार रही है जो कि श्रमिकों के लिए कई नई सहूलियतें लाने वाला है. ख़बरें हैं कि अप्रैल तक इस नए श्रम कोड (New Labour Codes) को लागू किया जा सकता है. मोदी सरकार इसे लागू करने से पहले इसके नियमों को लागू करने से पहले इसकी बारीकियों पर पर काम कर रही है जिससे लागू होने के बाद कोई दिक्कत न आए और लोगों को अधिक सहूलियतें भी मिलें.
दरअसल, मोदी सरकार द्वारा लाया जाने वाला ये वेज कोड एक्ट (Wage Code Act) 2019 जब लागू हो जाएगा तो इससे कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की 'Take Home Salary' घट जाएगी क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा.
इतना ही नहीं पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा. यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा. वहीं सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी.
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं. संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे. इसमें पहला कोड- कोड ऑन वेजेज, दूसरा- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, तीसरा- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ (OSH) और चौथा एवं अंतिम कोड सोशल सिक्योरिटी कोड शामिल हैं.
इस मामले में श्रम मंत्रालय के लेबर रिफॉर्म सेल के एक अधिकारी ने बताया कि लेबर यूनियन ने PF और सालाना छुट्टियों को लेकर मांग रखी है. यह मांग है कि Earned leave को 240 से बढ़ाकर 300 कर देना चाहिए. वहीं EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय ने बताया कि कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बड़े बदलाव हो सकते हैं.
मोदी सरकार द्वारा लागू होने वाले इस नए कानून के ड्राफ्ट में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. ड्राफ्ट के नियमों में ये प्रावधान है कि किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता है. हर पांच घंटे के बाद उसको 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य होगा.
सरकार द्वारा लाया जाने वाला ये कानून श्रमिकों के लिए सकारात्मक माना जा रहा है. यही कारण है कि मोदी सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करने पर विचार कर रही है.