Modi Govt. की इस योजना का लाभ उठा रहे हैं Ration Card धारक, मुफ्त मिलता है 10 किलो अनाज

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 05, 2022, 01:30 PM IST

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के विस्तार के बाद गरीबों को 10 किलो मुफ्त राशन दिया जा रहा है, खास बात यह है कि यह राशन महीने में दो बार मिल रहा है.

डीएनए हिंदी:  राशन कार्ड के जरिए पिछले दो वर्षों के कोविड काल में मोदी सरकार ने करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया है. वहीं इससे गरीबों को भी खूब लाभ हुआ है. ऐसे में अब खास बात यह है कि राशन कार्ड धारकों को दो बार राशन मिल रहा है लेकिन बड़ी खबर यह है कि दूसरी बार मिलने वाला राशन मुफ्त है. केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत इस मुफ्त राशन वितरण को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. 

यूपी के लोगों को हो रहा बड़ा फायदा

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गरीब कल्याण योजना की अवधि बढ़ने के बाद अब यूपी के पात्र राशन कार्डधारकों को हर महीने 10 किलोग्राम मुफ्त में राशन मिल रहा है. अब लाभार्थियों को महीने में दो बार मुफ्त में गेहूं और चावल का फायदा मिल रहा है. इसके साथ ही फ्री में दाल, खाने वाला तेल और नमक भी दिया जा रहा है जो कि गरीबों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रहा है. 

कोविड महामारी के बीच बड़ी मदद

गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 (Covid-19) के बाद आर्थिक तौर पर कमजोर गरीबों और मजदूरों को सरकार गरीब कल्याण योजना के तहत सहारा दे रही है. ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की अवधि नवंबर में खत्म होने वाली थी लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने इसे होली तक बढ़ा दिया और मुफ्त राशन वितरण का ऐलान कर दिया था. अब अंत्योदय राशन कार्डधारकों और पात्र परिवारों को दिसंबर से दोगुणा राशन दिया जा रहा है. इस अन्न योजना के अंतर्गत करीब 1,30,07,969 इकाइयां और पात्र घरेलू कार्डधारकों की 13,41,77,983 इकाइयां सूबे में हैं.

सामुदायिक रसोई का प्रस्ताव

इतना ही नहीं कई जगहों पर राशन कार्ड धारकों को राशन वितरित करने वाले अधिकारियों द्वारा परेशान करने की खबरें भी आईं जिस पर केंद्र ने भी सख्ती दिखाई थी. वहीं केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने राशन दुकानों के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंदों के लिए सरल और पारदर्शी सामुदायिक रसोई स्थापित करने की योजना की रूपरेखा पर विचार करने को लेकर राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह के गठन की घोषणा की है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राज्यों के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान इस संबंध में निर्णय लिया गया था. 

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केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि, 'गुणवत्ता, स्वच्छता, विश्वसनीयता और सेवा की भावना के चार स्तंभों पर एक सामुदायिक रसोई बनाने की जरूरत है. यह हमें 'कोई भी भूखा नहीं सोए' के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.' सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर सरकार को सामुदायिक रसोई खोलने की सलाह दे चुका है जिस पर सरकार ने सहमति भी जताई है.

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