Mumbai News: मुंबई पुलिस ने जिलिंगो (Zilingo) के सह-संस्थापक ध्रुव कपूर और पूर्व सीओओ आदि वैद्य के खिलाफ FIR दर्ज की है. यह FIR कंपनी की दूसरी सह-संस्थापक व पूर्व सीईओ अंकिति बोस की शिकायत पर दर्ज की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंकिति ने पुलिस को दोनों के खिलाफ क्रिमिनल कंप्लेंट दी थी, जिसके बाद दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. बोस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी देने, साजिश रचने और शोषण करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. बता दें कि अंकिति मई 2022 में सिंगापुर स्थित B2B फैशन स्टार्टअप जिलिंगो में उनकी लीडरशिप पोजीशन से हटा दिया गया था. यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाने के बाद की गई थी.
'कपूर और वैद्य ने दिया निवेशकों को धोखा'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंकिति ने पुलिस को दी औपचारिक शिकायत में कपूर और वैद्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बोस का कहना है कि कपूर और वैद्य ने वित्तीय लाभ पाने के लिए उन्हें और कंपनी के निवेशकों को धोखा दिया था, जिसके चलते उन्हें झूठे आरोप लगाकर अपने शेयर और व्यवसाय छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. बोस का आरोप है कि कपूर और वैद्य ने यह गड़बड़ी अप्रैल 2020 से 2022 के बीच है. उन्होंने दावा किया है कि आदि वैद्य ने COO की पोजिशन का गलत तरीके से फायदा उठाकर उन्हें घाटे वाले सौदे सौंपे. साथ ही उनके नाम से विभिन्न पार्टियों को ट्रे़ड क्रेडिट की पेशकश की.
करोड़ों रुपये के शेयर ठगने का लगाया आरोप
बोस ने आरोप लगाया है कि मेरी पिछली कंपनी में सभी ऑपरेशनल डील्स उसके (वैद्य) ने की थी. इस तथ्य के बावजूद उसने उन सौदों का इस्तेमाल मुझे निवेशकों के सामने झूठा फंसाने की धमकी देने के लिए किया. बोस ने अपनी शिकायत में कहा, मुझे धमकाया गया, धोखा दिया गया और वैद्य ने धोखाधड़ी से मेरे शेयर हासिल करने के लिए गड़बड़ियां की. इन शेयर्स की कीमत करोड़ों में है. उन्होंने कपूर और वैद्य पर कंपनी से जुड़ा कई प्रकार का डेटा और जानकारी चुपचाप संदिग्ध तरीके से छिपाने का आरोप भी लगाया है.
ध्रुव कपूर और आदि वैद्य ने खारिज किए सारे आरोप
ध्रुव कपूर और आदि वैद्य ने अंकिति बोस के सारे आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण बताया है. ध्रुव कपूर ने कहा, मेरे खिलाफ अंकिति बोस के सभी आरोप पूरी तरह निराधार, असत्या और दुर्भावनापूर्ण हैं. एक विस्तृत जांच पहले ही उनकी (बोस की) गड़बड़ियों को साबित कर चुकी है, जिसके आधार पर उन्हें कंपनी से बर्खास्त किया गया था. यह कुछ और नहीं बल्कि बदले की कार्रवाई लग रही है. उन्होंने आगे कहा, जिलिंगो में मेरे पूरा कार्यकाल में, मैंने CEO के कदाचार में बोर्ड की सहायता करके अपनी ईमानदारी बरकरार रखी है. साथ ही प्रोफेशनल रिलेशनशिप्स को बढ़ावा देने और इसे (कंपनी को) मूल्यों पर आधारित उत्पाद बनाने का प्रयास किया है. आदि वैद्य ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है.
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