डीएनए हिंदी: क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. बिजनेस स्टैण्डर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अब नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को भी क्रेडिट कार्ड जारी करने की मंजूरी देने पर विचार कर रहा है. जानकारी मिली है कि यह मंजूरी काफी कड़ी शर्तों के आधार पर दी जा सकती है जिससे सिर्फ मजबूत बैलेंस शीट वाली NBFC ही इस जोखिम भरे बिजनेस में आ सकें.
किसे मिलती है क्रेडिट कार्ड की सुविधा?
भारत में सिर्फ तीन या चार फीसदी जनता को ही क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिल पाती है. बैंक सिर्फ अपने प्राइम या सुपर-प्राइम ग्राहकों को यह सुविधा देते हैं जिसके चलते एक बड़ा तबका क्रेडिट कार्ड के लिए योग्य माना जाता है. NBFC या फिनटेक स्टार्टअप इसी बड़े हिस्से को क्रेडिट कार्ड बिजनेस से जोड़ना चाहते हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि ''RBI एनबीएफसी को मंजूरी देने से पहले कुछ दिशानिर्देशों पर काम करेगा. यह एक न्यूनतम नेट वर्थ तय कर सकता है कि न्यूनतम इतनी नेट वर्थ वाली NBFC ही क्रेडिट कार्ड बिजनेस में आ सकती है.''
RBI का सर्कुलर
RBI के सर्कुलर में कहा गया है कि आरबीआई इस संबंध में नियम और शर्तें जारी करता रहेगा. हालांकि इस सर्कुलर में NBFC को क्रेडिट कार्ड जारी करने से नहीं रोका गया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में Fintech इंडस्ट्री को जितनी फंडिंग मिली उसका 44 प्रतिशत डिजिटल लोन से जुड़े स्टार्टअप के पास चला गया. इससे इस सेक्टर का आउटलुक काफी पॉजिटिव नजर आता है. आने वाले समय में इस फिल्ड में स्थापित पुरानी और नई कंपनियों के बीच नए गठजोड़ देखने को मिल सकते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि 'बिना लाइसेंस के डिजिटल क्रेडिट कार्ड और लोन डिस्ट्रीब्यूटर की मंजूरी दी जाए ताकि फाइनेंशियल इंक्लूजन को ठीक किया जा सके.' अब तक केवल दो NBFC ही क्रेडिट कार्ड जारी करती हैं. इसमें SBI कार्ड और BoB के कार्ड शामिल हैं और दोनों को सरकार संचालित करती है.
नवंबर 2021 तक के एक आंकड़े के अनुसार देश में कुल 6.7 करोड़ क्रेडिट कार्ड हैं जबकि इसके मुकाबले डेबिट कार्ड की संख्या 93.4 करोड़ है. वहीं लगभग 55 करोड़ ग्राहकों की क्रेडिट ब्यूरो हिस्ट्री है. इस बड़ी खाई को पाटने के लिए तमाम फिनटेक स्टार्टअप्स अपने मॉडल के जरिए काम कर रही हैं.
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