डीएनए हिंदी: देश भर में सरकारी कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है. इस दौरान भारत में एक और कानून सुर्खियों में है. इसका नाम है न्यू वेज कोड 2022 (New Wage Code 2022). मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो न्यू वेज कोड (New Wage Code) अप्रैल 2022 के बाद कभी भी लागू किया जा सकता है.
न्यू वेज कोड
न्यू वेज कोड सबसे ज्यादा cost to company (CTC) को लेकर चर्चा में है. नए नियमों के मुताबिक बेसिक सैलरी कंपनी की नेट कॉस्ट (CTC) का कम से कम 50 प्रतिशत होगा. इससे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में काफी बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव टेक-होम या इन-हैंड वेतन में देखा जाएगा जिसमें कमी आने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि PF में नियोक्ताओं का योगदान बढ़ना भी तय माना जा रहा है.
यह भी पढ़ें:
Cryptocurrency: अब क्रिप्टो में भी कर सकते हैं SIP, लाखों लोग बन चुके हैं करोड़पति
सैलरी घटेगी, PF में जमा राशि बढ़ेगी
मिली जानकारी के मुताबिक श्रम मंत्रालय इस नियम को 1 अप्रैल 2022 से लागू कर सकता है. नए नियम के मुताबिक ग्रास सैलरी CTC के 50 प्रतिशत से कम नहीं हो सकता है. वर्तमान समय में यह ग्रास सैलरी के 30 से 40 प्रतिशत के बीच में है. बाकी एचआरए (HRA), टेलीफोन बिल, न्यूज़ पेपर आदि भत्ते के जरिए कवर किए जाते हैं. अब चूंकि बेसिक सैलरी में इजाफा हो रहा है तो जाहिर है कि भत्ते कम हो जाएंगे.
न्यू वेज कोड के फायदे
उदाहरण के लिए मान लीजिये आपकी सैलरी 50 हजार रुपये प्रति महिना है और आपकी बेसिक सैलरी 15 हजार रुपये है तो जब आप रिटायर होंगे तो PF में आपकी जमा पूंजी आज के ब्याज दर से 69,97,411 रुपये हो जाएगी. वहीं अगर आपकी बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है तो रिटायरमेंट के समय आपके पीएफ अकाउंट में 1 करोड़ से ज्यादा रुपये रहेंगे. बता दें कि पीएफ में जमा राशि की गणना में सालाना 5 प्रतिशत मानी गई है.
क्या होता है कॉस्ट टू कंपनी?
कंपनी अपनी तरफ से अपने कर्मचारियों पर जो पैसा खर्च करती है उसे कॉस्ट टू कंपनी (CTC) कहते हैं. इसमें मंथली बेसिक पे, भत्ता, री-इम्बर्सेमेंट, ग्रेच्यूटी, एनुअल वेरिएबल पे, एनुअल बोनस जैसे प्रोडक्ट शामिल होते हैं. कभी भी किसी कर्मचारी की टेक होम सैलरी CTC के बराबर नहीं होती है. CTC = ग्रॉस सैलरी+ PF + ग्रेच्यूटी.
यह भी पढ़ें:
Hyundai Controversy: एक ट्वीट से कैसे बढ़ गई हुंडई की मुश्किलें? जानें क्या है पूरा मामला