Board of Directors में महिलाओं की संख्या सिर्फ 17.1%, विस्तार से जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 10, 2022, 10:00 PM IST

बीते 7 साल के मुकाबले महिलाओं की कॉरपोरेट सेक्टर में टॉप लेवल पर भागीदारी काफी बढ़ी है.

डीएनए हिंदी: देश के कॉरपोरेट सेक्टर में टॉप लेवल पर महिलाओं की भागीदारी बीते 7 साल के मुकाबले काफी बढ़ गई है. 2013 में कंपनी के कानून में हुआ बड़ा बदलाव इसकी वजह रही है. इस कानून के मुताबिक हर एक निदेशक मंडल (Board of directors) में कम-से-कम एक महिला के होने का नियम जरूरी बना दिया गया था. डेलॉयट ग्लोबल (Deloitte Global) ने इस नियम के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिलाओं की संख्या बढ़ने पर ‘निदेशक मंडल में महिलाएं’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है. 

क्या कहती है रिपोर्ट 

रिपोर्ट के मुताबिक इस नियम के अमल में आने के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Board of directors) में महिलाओं की भागीदारी 2014 के 9.4 परसेंट से बढ़कर 2021 में 17.1 परसेंट पर पहुंच गई है. हालांकि इस इजाफे पर जानकारों का मानना है कि जो भी बढ़ोतरी हुई है वो केवल इस नियम की वजह से हुई है. कंपनियों की खुद की कोशिश कि वजह से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिलाओं की संख्या पर कोई खास असर नहीं हुआ है.

महिलाओं की हिस्सेदारी महज 3.6%

वैसे भी इस नियम के अमल में आने से भले ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ गई हो लेकिन निदेशक मंडल में चेयरमैन की कमान संभालने वाली महिलाओं की संख्या अब भी काफी कम है. डेलॉयट ग्लोबल के मुताबिक निदेशक मंडल के चेयरपर्सन में महिलाओं की हिस्सेदारी महज 3.6 प्रतिशत है. ये आंकड़ा भी 2018 के मुकाबले 0.9 परसेंट कम है. इन आंकड़ों से साफ है कि निदेशक मंडल में भले ही कंपनी कानून में हुए बदलाव से महिलाओं की भागीदारी बढ़ गई हो लेकिन चेयरपर्सन के पद पर उनकी भागीदारी घट गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में निदेशक मंडल की चेयरपर्सन के तौर पर महिलाओं की भागीदारी 2021 में भले ही कम हुई है लेकिन महिला CEOs के मामले में ये भागीदारी बढ़कर 4.7 परसेंट हो गई है. वहीं यह भागीदारी 2018 में 3.4 फीसदी थी.

बोर्ड सदस्यों में महिलाएं अभी भी पीछे 

भारत में कॉरपोरेट लेवल पर महिलाओं की भागीदारी की तुलना अगर ग्लोबल औसत से करें तो वैश्विक स्तर पर बोर्ड सदस्यों में महिलाओं की भागीदारी 2018 के मुकाबले 2.8 परसेंट बढ़ी है. वहीं 2016-18 के दौरान ये 1.9 परसेंट बढ़ी थी. डेलॉयट की रिपोर्ट के मुताबिक अगर ये स्पीड जारी रही तो दुनिया में बोर्ड में महिला-पुरुष समानता 2045 से पहले नहीं आ पाएगी.

यह भी पढ़ें:  Rakesh Jhunjhunwala के पोर्टफोलियो में शामिल हैं ये दो शेयर, आपने निवेश किया क्या?

Board of directors महिलाओं के लिए नौकरी उंचे पद पर महिलाएं