Onion Price Today in India: देश में मानसून के आगमन के साथ ही प्याज की कीमतों ने आसमान की तरफ दौड़ना शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 15 दिन के दौरान ही प्याज की कीमतों में 25 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. किसानों ने दाम और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद में प्याज स्टॉक करना शुरू कर दिया है, जिससे मंडियों में कुछ दिन के लिए प्याज की अस्थायी किल्लत होने के आसार हैं. यदि ऐसा हुआ तो प्याज के दाम और ज्यादा तेजी से ऊपर जाएंगे. हालांकि उपभोक्ता मामलो के विभाग ने दावा किया है कि प्याज की कीमत और सप्लाई फिलहाल सामान्य है. उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना (शिंदे) के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने प्याज, सोयाबीन और कपास को लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) में BJP नेतृत्व वाले NDA गठबंधन के खराब प्रदर्शन का जिम्मेदार बताया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार को इसका असर आगे भी होने की चेतावनी देते हुए इन तीनों फसलों का सपोर्ट प्राइस तय करने की अपील की है.
50 रुपये प्रति किलो तक पहुंचे प्याज के दाम
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों प्याज निर्यात पर लगी रोक हटाई है. इसके बाद प्याज की कीमतों में उछाल आना शुरू हुआ है. पिछले 15 दिन के दौरान प्याज का रिटेल रेट 40 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. देश की अलग-अलग थोक मंडियों में भी प्याज 4 हजार रुपये से 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रहा है. हालांकि दिल्ली में फिलहाल राहत है. दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में 11 जून को प्याज 2250 रुपये प्रति क्विटंल के अधिकतम दाम रहे थे, लेकिन मंडी से जुड़े लोगों का कहना है कि अगले कुछ दिन में दाम तेजी से ऊपर जा सकते हैं.
किसानों ने स्टॉक करना शुरू कर दिया गया है प्याज
खेती-किसानी से जुड़े अपडेट पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र में नासिक प्याज के उत्पादन का बड़ा गढ़ है. वहां की थोक मंडियों में फिलहाल 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों से प्याज खरीद की जा रही है, जिससे किसान खुश नहीं हैं. किसान दाम में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. किसान संगठन शेतकरी संघठना के नेता अनिल घनवट का कहना है कि किसानों ने कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में प्याज का स्टॉक करना शुरू कर दिया है. MSP पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी के मेंबर अनिल ने बताया कि किसानों को उम्मीद है कि प्याज को स्टॉक करने से मार्केट में उसकी मांग बढ़ेगी और उन्हें और ज्यादा अच्छे दाम मिल पाएंगे. किसानों ने प्याज के निर्यात पर लगी 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी और 500 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य को भी हटाने की मांग की है.
क्या कह रहे हैं सरकार के विभाग
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग का कहना है कि प्याज की कीमत और सप्लाई फिलहाल सामान्य है. जो बढ़ोतरी हुई है, उसकी मौसमी वजह है. तूर के अलावा किसी भी दाल की कीमत नहीं बढ़ी है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने भी कहा है कि घरेलू बाजार में अभी खाद्य तेल कीमतें भी सामान्य रेंज में है. अगले 2-3 महीने कीमतों के इसी रेंज में रहने की उम्मीद है.
प्याज के MSP पर शिंदे करेंगे शिवराज चौहान से मुलाकात
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को साफ कहा कि राज्य में NDA गठबंधन के फेल रहने के पीछे प्याज, सोयाबीन और कपास के दामों का अहम रोल है. उन्होंने कहा, 'इन तीनों ने ही महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में NDA को रोने पर मजबूर किया है. मैंने पीएम मोदी से कृषि लागत और मूल्य आयोग की बैठक के दौरान एक संबोधन में खेती से जुड़े मुद्दों पर बात की थी. हमें प्याज के लिए नासिक (उत्तरी महाराष्ट्र में प्याज का अहम उत्पादन केंद्र) में और सोयाबीन व कपास के लिए मराठवाडा व विदर्भ में (लोकसभा चुनाव में) रोना पड़ा है.
उन्होंने कहा, 'सिक बेल्ट के किसानों ने पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार की तरफ से प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का बेहद विरोध किया था. यह बैन प्याज के खुदरा दामों को कंट्रोल करने के लिए लगाया गया था. हालांकि मई की शुरुआत में यह बैन हटा लिया गया, लेकिन इसका हमें नुकसान हुआ है.' शिंदे ने कहा,' मैं प्याज, सोयाबीन और कपास पर सपोर्ट प्राइस लागू कराने के लिए नए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करूंगा.
महाराष्ट्र में ऐसे हुआ है भाजपा-शिवसेना को नुकसान
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना (शिंदे), आरएसपी और NCP के महायुति गठबंधन को लोकसभा चुनाव में बेहद नुकसान हुआ है. राज्य की 48 में से इस गठबंधन को 17 सीट पर ही जीत मिली है. नासिक और डिंडोरी में भाजपा और शिवसेना, दोनों को हार मिली है, जबकि मराठवाडा में एक और विदर्भ में महज 2 सीट ही गठबंधन जीत पाया है.
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