डीएनए हिंदी: पितृपक्ष और नवरात्रि के बाद अचानक प्याज के दामों में तेजी से उछाल आया है. करीब एक महीने तक सुस्त रहने के बाद प्याज के दाम दोगुने हो गए हैं. महज तीन दिनों के अंदर प्याज की कीमतें 14 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई हैं. बुधवार को प्याज की कीमतें करीब 55 से 60 रुपये प्रतिकिलो तक हो गई हैं. तोक बाजार में भी प्याज की कीमतें 7 रुपये प्रतिकिलो तक बड़ी हैं. दिल्ली की आजादपुरी मंडी में भी प्याज 40 रुपये प्रति किलो तक बिका है.
सिर्फ दिल्ली ही नहीं महाराष्ट्र में भी प्याज महंगा हुआ है. महाराष्ट्र्र में खरीफ की फसलों का पैदावार इस बार कम हुआ है. कम बारिश का असर प्याज पर भी पड़ा है. लासलगांव में प्याज की थोक कीमतें 15 दिन पहले जहां 2,350 रुपये प्रति क्विंटल थीं, वहीं बुधवार को इसके दाम अचानक 3,800 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए. सरकार ने इसके निर्यात पर अगस्त में 40 फीसदी शुल्क भी लगाया था लेकिन कीमतें थमी नहीं.
इसे भी पढ़ें- इजरायल ने भारत से कर डाली मांग, 'हमास को घोषित करो आतंकी संगठन'
क्या है महंगाई की असली वजह?
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में प्याज की खेती प्रभावित हुई है. दिल्ली में उस स्तर से प्याज आ ही नहीं पाई. नवरात्रि के पहले खपत कम थी. ऐसी धारणा है कि पितृपक्ष और नवरात्रि में प्याज नहीं खाना चाहिए. लोग खा नहीं रहे थे तो दाम स्थिर थे. अब एक बार फिर से मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे महानगरों में प्याज की मांग बढ़ गई है, जिसके चलते कीमतें आसमान पर हैं.
यह भी पढ़ें- दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ा
क्या थमेंगी प्याज की कीमतें?
पितृपक्ष और नवरात्रि के बाद प्याज के दामों में अचानक उछाल देखने को मिलता है. उस स्तर पर प्याज बाजार तक पहुंच नहीं रही है, जिसकी वजह से महंगाई है. अभी लगातार प्याज महंगा होगा लेकिन गुजरात और राजस्थान से जब प्याज आने लगेगा, कीमतें कम होने लगेंगी.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.