ऑनलाइन लोन फ्रॉड से बचना है तो इन ऐप्स का कभी न करें इस्तेमाल! देखें लिस्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 29, 2021, 04:47 PM IST

भारत में 600 से ज्यादा अवैध ऑनलाइन लोन ऐप्स हैं जो अलग-अलग ऐप स्टोर पर मौजूद हैं.

डीएनए हिंदी: कोरोना वायरस महामारी के दौर में लागू लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुए लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक नई एनालिसिस के मुताबिक देश में अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 1,110 ऐप्स ऐसे हैं जो वर्चुअली लोन प्रोवाइड करा रहे हैं. इनमें से 600 ऐप्स ऐसे हैं जो देश में अवैध हैं. इन ऐप्स को अलग-अलग 80 ऐप स्टोर्स से डाउनलोड कर सकते हैं. 

एक केंद्रीय बैंक ने इन फ्रॉड बैंकिंग ऐप्स के जरिए होने वाले साइबर क्राइम को रोकने के लिए केंद्र सरकार को कानून बनाने का प्रस्ताव भी दिया है. ऑनलाइन लोन स्कैम की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए एक समिति बनाई गई थी जिसमें ग्राहकों के उत्पीड़न से लेकर गलत तरीके से होने वाली उगाही के खिलाफ कानून बनाने का प्रस्ताव दिया गया था. ये ऐप्स वर्चुअली मैनेज्ड होते हैं जिन पर कानूनी संस्थाओं की नजर नहीं जा पाती है. ऑनलाइन लोन देने के इस दौर में अगर कुछ नियम बना दिए जाएं तो ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है.

जो ऋणदाता आरबीआई के केवाईसी मानदंडों का पालन नहीं करते हैं उन्हें तुरंत गैरकानूनी और अवैध माना जाना चाहिए. लोन पेमेंट में स्पष्टता को लेकर पहले उधारकर्ता की विश्वसनीयता का मूल्यांकन करना चाहिए. बैलेंस शीट उधारदाताओं और एलएसपी की तकनीकी क्षमताओं का आकलन करने के लिए एक नोडल ऑर्गेनाइजेशन बनाना चाहिए. आरबीआई ने अपनी एनालिसिस में कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी वेबसाइट पर वेरिफाइड ऐप्स का एक पब्लिक रजिस्टर भी रखेगा.

ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें?

ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी किसी बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू डुप्लीकेट (रिप्लिका) वेबसाइट बनाते हैं. फिर उसमें भी आरबीआई की सभी शर्तों वाली गाइडलाइन भी मेंशन करते हैं. यह वेबसाइट और ऐप्स कुछ इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि लगें ये कानूनी रूप से वैध हैं. 

1. जो ऐप्स प्रीपेमेंट फीस, प्रोसेसिंग फीस या प्री क्लोजर फीस ज्यादा मांगे उनके इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए.

2. अनवेरिफाइड ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स जो उधार देते हों उनसे बचना चाहिए. ऐसे फ्रॉड ऐप आपसे आपकी गोपनीय जानकारियां जैसे बैंक खाते संबंधित डीटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कार्ड या एड्रेस मांगते हैं.

3. किसी ऐप से लोन लेने से पहले ऐप स्टोर पर ऐसे ऐप की रेटिंग चेक करें. 

4. अगर ऐसे ऐप आरबीआई और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से जुड़े हुए खुद को बता रहे हैं तो एक बार वेरिफाई जरूर कराएं.

5. 'प्रोसीड' ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी जरूरी विवरणों को जरूर देखें.

6. किसी भी निर्णय पर जाने से पहले सभी नियम और शर्तों को जरूर पढ़ें.

ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई