डीएनए हिंदी: देश के यूनिकॉर्न मार्केट की सबसे बड़ी कंपनी Paytm लगातार घाटे में जा रही है जिससे न केवल निवेशकों को नुक़सान हो रहा है बल्कि कंपनी के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है. भले ही देश में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही हो फिर भी इसका घाटा कम नहीं हो रहा है. 31 दिसंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही में पेटीएम का कंसोलिडेटेड लॉस बढ़कर 778 करोड़ रुपये हो गया है जो कि कंपनी और निवेशकों के लिए चिंता का सबब है.
रेवेन्यू में हुई बढ़ोतरी
पिछली तिमाही में Paytm के रेवेन्यू में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और दिसंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही में पेटीएम का रेवेन्यू करीब 89 फीसदी बढ़कर 1456 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं दूसरी ओर कंपनी का नुकसान बढ़कर 778 करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का नुकसान 532 करोड़ रुपये था. वहीं सितंबर 2021 में कंपनी का नुकसान 482 करोड़ रुपये था. ये आंकड़े लगातार पेटीएम के फायदे में आने की उम्मीदों को झटका दे रहे हैं.
8 वर्षों से हो रहा है नुकसान
दरअसल, वित्त वर्ष 2021 में पेटीएम की पैरेंट कंपनी One97 Communications को 1701 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कंपनी को लगातार आठवां वर्षों से वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ रहा है है. कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने पिछले साल की शुरुआत में कहा था कि इस बार कंपनी मुनाफे में आ सकती है क्योंकि कोविड (Covid) की वजह से डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) में तेजी देखी गई है, लेकिन कंपनी के सीईओ की उम्मीदों को नतीजों में एक बार फिर झटका लगा है.
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धड़ाम हुआ था IPO
आपको बता दें कि पिछले कई सालों से कंपनी को सिर्फ नुकसान हो रहा है. वहीं शुक्रवार को पेटीएम का शेयर 0.89 फीसदी बढ़कर 952.90 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. इसका आईपीओ 2150 रुपये का था जो पहले ही दिन डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ और गिरते-गिरते उसकी कीमत आधे से भी कम हो गई है. इसके चलते निवेशकों के लाखों-करोड़ रुपये डूब गए थे.
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