डीएनए हिंदी: गुरुवार 26 मई 2022 को लगातार चौथे दिन पेट्रोल (Petrol Price) और डीजल (Diesel Price) की कीमतें स्थिर रहीं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी. वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में मामूली तेजी देखने को मिल रही है. ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 114 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं, जबकि डब्ल्यूटीआई के दाम 110 डॉलर प्रति बैरल पर मौजूद हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखि आज आपको अपने शहर में पेट्रोल और डीजल के दाम कितने चुकाने होंगे.
आज इतनी चुकानी होगी कीमत
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपए प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 89.62 रुपए है. गुरुग्राम में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 97.81 रुपये और एक लीटर डीजल की कीमत 90.05 रुपये होगी. उत्पाद शुल्क और वैट में कमी के बाद मुंबई में पेट्रोल की कीमत 111.35 रुपये है, जबकि डीजल 97.28 रुपये पर बिक रहा है. चेन्नई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 102.65 रुपये और 94.24 रुपये प्रति लीटर हैं. कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 106.03 रुपए और डीजल की कीमत 92.76 रुपए है. बेंगलुरु में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 101.94 रुपये और एक लीटर डीजल की कीमत 87.89 रुपये होगी.
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एक्साइज में की गई थी कटौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा के बाद रविवार को दोनों प्रमुख ऑटो फ्यूल की दरों में तेजी से कमी की गई थी. सरकार के फैसले के बाद रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत में 8.69 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई, जबकि डीजल में 7.05 रुपये की कटौती की गई. इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र प्रशासन ने रविवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम कर दिया. पेट्रोल पर वैट 2.08 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.44 रुपये प्रति लीटर कम किया गया है.
16 दिन में बढ़ गए थे 10 रुपए प्रति लीटर
इस बीच, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बुधवार को मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में शुद्ध लाभ में 82 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, जनवरी-मार्च की अवधि में 11,940.13 करोड़ रुपए की तुलना में 2,130.53 रुपए करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया. इन कंपनियों ने 22 मार्च से फ्यूल की कीमतें बढ़ाना शुरू कर दिया था लेकिन 16 दिनों के भीतर इसे बंद कर दिया. 22 मार्च से 6 अप्रैल के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के बाद भी, तेल कंपनियों को घाटा जारी रहा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 100 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहीं.
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