Petrol Price in India: जब एक लीटर Petrol का इंपोर्ट रेट 49 रुपये है तो क्यों बिक रहा इतना महंगा?

नेहा दुबे | Updated:Apr 28, 2022, 07:27 PM IST

पेट्रोल-डीजल

ऑयल कंपनियों ने बड़ी तेजी के साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया है. आइए जानते हैं क्या है वजह?

डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच क्रूड ऑयल के दाम में तेजी के साथ इजाफा हुआ है. कुछ ही हफ्तों में ऑयल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में तेजी के साथ बढ़ोतरी की है. हालांकि इस दौरान कुछ शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम 100 से नीचे देखने को मिले तो कहीं यह दाम 100 रुपये के पार है. दिल्ली में जहां पेट्रोल 105 रुपये में बिक रही है. वहीं मुंबई में यह 120 रुपये के भाव पर है और राजस्थान के श्रीगंगानगर में तो यह सबसे मंहगे दाम 122.93 रुपये पर बिक रही है. उधर सबसे सस्ता पेट्रोल पोर्ट ब्लेयर में बिक रहा है जहां इसकी कीमत 91.45 रुपये  प्रति लीटर पेट्रोल है. दिल्ली में जहां पेट्रोल 105 रुपये में बिक रही है. वहीं मुंबई में यह 120 रुपये के भाव पर है और राजस्थान के श्रीगंगानगर में तो यह सबसे मंहगे दाम 122.93 रुपये पर बिक रही है. उधर सबसे सस्ता पेट्रोल पोर्ट ब्लेयर में बिक रहा है जहां इसकी कीमत 91.45 रुपये  प्रति लीटर पेट्रोल है.

डीजल भी इसी तरह लोगों का तेल निकाल रहा है. श्रीगंगानगर में जहां यह सबसे महंगा होकर 105.34 प्रति लीटर की कीमत पर बिक रहा है. वही पोर्ट ब्लेयर में यह 85.83 रुपये प्रति लीटर पर है.
 
सरकार ने पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी में की थी कमी
 
पिछले साल नवंबर में जब पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे थे तब सरकार ने लोगों को महंगाई की मार से राहत दिलाने के लिए पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी से 5 रुपये और डीजल की एक्साइज ड्यूटी (Excise duty on diesel) से 10 रुपये की कटौती की थी. वहीं भाजपा शासित राज्यों ने फ्यूल पर वैट घटाकर जनता को राहत दी थी. 



भारत में कितना प्रतिशत फ्यूल इंपोर्ट होता है?
 
भारत में अगर फ्यूल इंपोर्ट की बात की जाए तो यह लगभग 85 प्रतिशत इंपोर्ट होता है. भारत में आयातित क्रूड (Crude Oil Import) का भाव लगभग 49.33 रुपये पड़ता है. जिसके बाद इसकी रिफाइनिंग की जाती है. रिफाइनिंग के इस प्रोसेस में इसपर कुल खर्च 7.25 रुपये प्रति लीटर का आता है. इसके बाद केंद्र सरकार इसपर लगभग 28 रुपये की एक्साइज ड्यूटी लगाती है.  हालांकि अलग अलग राज्य के हिसाब से इसका दर निर्भर करता है. 
 
डीजल (Diesel) में भी यही तरीका अपनाया जाता है. केंद्र और राज्य सरकारों के एक्साइज ड्यूटी टैक्स लगाने की वजह से इसकी कीमत दोगुना हो जाती है.

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