डीएनए हिंदी: भारत और यूएई के बीच व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक सकारात्मक डील हुई है. दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) हुआ है. इस बहुउद्वादेश्यीय करार को लेकर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से दोनों देशों के व्यापार में बढ़ोतरी होगी जिसका फायदा भारत को भी मिलेगा.
लघु उद्योग को होगा फायदा
वहीं भारत औऱ यूएई के बीच हुए इस करार को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "भारत-UAE ट्रेड एग्रीमेंट से MSMEs को मदद मिलेगी. युवाओं के लिए रोजगार के अहम मौके बनेंगे और स्टार्टअप्स के लिए कई अवसर बनेंगे. भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और लोगों का एक्सपोर्टर्स में विश्वास बढ़ेगा."
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा, "देश वैश्विक मंच पर स्पर्धा के लिए तैयार है. हमारा लक्ष्य लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने का है. इसके तहत ही तैयार हो रही PM गतिशक्ति योजना देश के विकास का ब्लूप्रिंट है." इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा, "व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 प्रतिशत उत्पादों के लिए यूएई को एक्सपोर्ट का रास्ता खुल जाएगा."
फार्मा सेक्टर को होगा विशेष फायदा
पीयूष गोयल ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि नई ट्रेड डील से फार्मा सेक्टर को भी फायदा हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह एक नया उल्लेखनीय समझौता है जिसका फायदा दवा इंडस्ट्री को पहली बार मिला है. यह यूएई में हमारे उत्पादों के लिए दरवाजे खोलेगा. व्यापार केंद्र की वजह से यूएई पश्चिम एशिया के दूसरे देशों और पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए द्वार है.
उन्होंने भारत के लघु उद्योगों के विस्तार को होने वाले फायदे की जानकारी देते हुए कहा, "इस समझौते से कपड़ा, हथकरधा, रत्न और आभूषण, चमड़ा और जूता-चप्पल जैसे श्रम गहन क्षेत्रों में 10 लाख नौकरियों के अवसर बनेंगे."
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वहीं फार्मा इंडस्ट्री को इस डील से होने वाले फायदे को लेकर पीयूष गोयल ने कहा, "संयुक्त अरब अमीरात ने सहमति व्यक्त की है कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया द्वारा अनुमोदित भारत में बने मेडिकल प्रोडक्ट्स को एप्लीकेशन जमा करने के 90 दिनों के भीतर बाजार पहुंच और नियामकीय मंजूरी हासिल होगी."
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