Dal Price: अब आम आदमी की थाली से दूर होगी दाल, महीने भर में इतने बढ़ गए दाम

| Updated: Apr 06, 2022, 10:01 AM IST

चौतरफा बढ़ती महंगाई के बीच एक महीने में दाल की कीमतों में भी 16 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.

डीएनए हिंदी: देश में लगातार महंगाई बढ़ रही है. इसका असर दालों पर भी देखने को मिल रहा है और दालें महंगी होने लगी हैं. बीते एक माह में दाल-दलहन के भाव 16 फीसदी तक बढ़े हैं. स्कूल-कॉलेज और हॉस्टल खुलने साथ ही पर्यटन बढ़ने से होटल-रेस्टोरेंट की संस्थागत मांग बढ़ी है. इस बीच डीजल (Diesel Price) के दाम बढ़ने से लॉजिस्टिक खर्च (Logistics Cost) भी बढ़ा है. दूसरी तरफ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में अरहर की फसल 30% तक कम उतरने की आशंका जताई जा रही है. 

दरअसल, बीते एक महीने में सबसे ज्यादा 16 फीसदी काबुली चने के भाव बढ़े हैं. अभी यह 110 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं जो कि एक माह पहले 95 रुपए प्रति किलो था. वहीं देसी चना भी 5,000 रुपए से बढ़कर 5,100 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. इस बीच दालें 7-10 फीसदी महंगी हुई हैं. वहीं अरहर दाल 125 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई जबकि सबसे सस्ती बिकने वाली चना दाल 80 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है. 

सीजन 2021-22 के लिए अपने अनुमान में सरकार ने 40 लाख टन अरहर उत्पादन का अनुमान लगाया था पिछले सीजन में 4.32 लाख टन अरहर का उत्पादन हुआ था. ट्रेडरों के मुताबिक इस साल 20% कम उत्पादन होगा. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के दाल व्यापारियों के मुताबिक, अरहर एकमात्र ऐसी दाल है जिसका उपभोक्ता भी स्टॉक रखते हैं.  मार्च से मई के बीच इसकी कंज्यूमर स्टॉकिंग चलती है जिसके चलते सॉटमेंट अमूमन मजबूत रहता है.

 

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वहीं प्रमुख अरहर उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में इन दिनों औसत मॉडल मंडी प्राइस 6,400- 6,500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि (न्यूनतम समर्थन मूल्य) एमएसपी 6,300 रुपए प्रति क्विंटल है. कमोडिटी एनालिस्ट हरीश सेठ के मुताबिक हाल के वर्षों में दलहन के भाव करीब-करीब स्थिर रहे हैं. इसके उलट कॉटन के दाम तेजी से बढ़े हैं. इसके चलते महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों ने इस साल कॉटन की खेती बढ़ाई है. नतीजतन इन राज्यों में अरहर और उड़द की खेती 25-30 फीसदी तक घटी है. इससे दलहन का सेंटिमेंट मजबूत हुआ है. 

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