डीएनए हिंदी: देश में बढ़ती महंगाई के बीच अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आम आदमी को एक और बड़ा झटका दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने 2 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अब रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया है. केंद्रीय बैंक के इस एक कदम को आम आदमी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
अर्थव्यवस्था की स्थिति पर दिया बड़ा बयान
दरअसल, बुधवार को दोपहर दो बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आम आदमी को Repo Rate के तौर पर नया झटका दिया है. उन्होंने देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा, "ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति बिगड़ती जा रही है. अर्थव्यवस्था पर महंगाई का दबाव बरकरार है. लगातार बढ़ती महंगाई चिंताजनक है. युद्ध की वजह से महंगाई और ग्रोथ का अनुमान बदला है."
इस फैसले पर क्या होगा असर
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि RBI के Repo Rate बढ़ाने के इस फैसले से आम आदमी पर क्या असर पड़ने वाला है. रेपो रेट बढ़ाने का असर बैंकों के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा. केंद्रीय बैंक की तरफ से रेपो रेट बढ़ाने से बैंक ग्राहकों को दिया जाना वाला कर्ज महंगा कर देंगे. ब्याज दर बढ़ने का असर आम आदमी की EMI यानी कर्ज महंगा हो जाएगा और अब कर्ज लेने वालों की मुश्किलें पहले से अधिक बढ़ जाएंगी.
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ऐसे समझे Repo Rate का गणित
आपको बता दें कि Repo Rate वो ब्याज दर होती है जिस पर अन्य बैंक RBI से कर्ज लेते हैं और फिर इस कर्ज के अंतर्गत ही बैंक अपनी लोन की ब्याज दरें तय करते थे. ऐसे में जब रेपो रेट में इजाफा हुआ है तो RBI के जरिए मिलने वाला लोन महंगा हो जाएगा और इसके चलते कर्ज लेने वाला बैंक जब आम आदमी को कर्ज देंगे तो उन पर RBI के नए रेपो रेट के कर्ज का दबाव होगा. ये दबाव आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. इस स्थिति में यह माना जा रहा है कि अब RBI के इस फैसले के बाद जल्द ही कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक अपने लोन की ब्याज दरों में बड़ा इजाफा कर देंगे.
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