डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही रखा है. तीन दिनों तक चले मंथन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय वर्ष 2023 से 2024 तक के लिए स्थिर रखा है. अप्रैल महीने में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था. अब EMI भरने वालों पर कोई आर्थिक बोझ फिलहाल नहीं बढ़ रहा है.
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से पिछली छह लगातार नीतियों में देखी गई दर वृद्धि के बाद यह फैसला लिया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6 से 8 जून के बीच में हुई थी.
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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है. मौद्रिक नीति समिति उदार नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी. मु्द्रास्फीति की स्थिति पर लगातार और नजदीकी नजर रखना अत्यंत जरूरी है.
रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं
RBI गवर्नर ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आरबीआई को उम्मीद है कि जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहेगी.
महंगाई खुदरा मुद्रास्फीति पर गवर्नर ने कही ये बात
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत किया है. घरेलू मांग की स्थिति वृद्धि के लिए सहायक बनी हुई है, ग्रामीण मांग बेहतर हो रही है.
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स्थिर बना हुआ है रुपया
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि चालू खाते का घाटा चौथी तिमाही में और नीचे आएगा. यह काफी हद तक प्रबंधन के दायरे में रहेगा. भारतीय रुपया इस साल जनवरी से स्थिर है . आरबीआई ने ई-रुपया वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है. गैर-बैंकिंग कंपनियों को इस तरह के साधन जारी करने की अनुमति दी जाएगी.
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