डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक 8 फरवरी से शुरू हुई थी. आज यानी कि 10 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में पॉलिसी रेट का ऐलान हुआ. इस पॉलिसी रेट में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि दिसंबर में हुई पिछली बैठक में भी RBI ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया था.
रेपो रेट में बदलाव न करने की वजह
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास के सामने ग्रोथ और महंगाई दर में संतुलन बनाने की चुनौती थी. संतुलन बनाने के लिए RBI के गवर्नर ने महंगाई को काबू में रखने को प्राथमिकता देते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने एकमत से रेपो रेट 4% पर बनाए रखने और रिवर्स रेपो रेट 3.5% रखने का फैसला किया है.
मई 2020 से पहले एक साल में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने 155 बेसिस अंक यानी 1.55% की बड़ी कटौती की थी. वहीं मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF) और बैंक रेट 4.25% पर पहले की तरह बरकरार रहेगा
FY23 में GDP ग्रोथ
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यानी कि गुरुवार को कहा कि इकॉनमी में सुधार की रफ़्तार धीमी पड़ी है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC (मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी) की बैठक के बाद बताया कि FY23 में भारत की GDP ग्रोथ 7.8% रह सकती है. इसके साथ ही RBI ने अकोमडेटिव रूख रखने का फैसला किया है. मतलब निकट भविष्य में RBI Policy रेट में कमी करने जा रहा है. बता दें कि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ऐसा किया जाता है.
e-RUPI की लिमिट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने NPCI के विकसित एक प्रीपेड e-voucher e-RUPI की लिमिट को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है.
कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी से बढ़ सकती है महंगाई
हाल के महीने में महंगाई दर में जो बढ़ोतरी आई है वो बेस कारणों से आया है. कई देशों में महंगाई बहुत ज्यादा है. जिसके चलते उन देशों के सेंट्रल बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. ग्लोबल तनाव भी देखा जा रहा है. हालांकि कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी चिंता का सबब है जिसके चलते महंगाई बढ़ने का खतरा है. कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर नजर बनाये रखना जरुरी है.
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