डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को मुद्रा 'और वित्त' पर एक रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड - 19 से भारी नुकसान हुआ है और इससे उबरने में लगभग 12 साल का समय लग सकता है.
कोविड ने देश में विकास की दिशा पर वार किया है
आरबीआई ने बताया कि कोरोना महामारी बहुत ही जटिल समस्या है. इसने देश में हो रहे संरचनात्मक विकास की दिशा पर वार किया है. पेश किए गए रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है और इसे उबरने में अब कम से कम 12 साल का समय लगेगा. रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक कैपिटल एक्सपेंडिचर (capital expenditure) सरकार ने लगातार जोर दिया है. वहीं डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के साथ ई-कॉमर्स, स्टार्टअप, इनोवेशन और अन्य क्षेत्रों में इन्वेस्टमेंट के बढ़ते अवसर से अर्थव्यवस्था दुबारा से पटरी पर लौट सकती है.
52 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्ट्स नष्ट हुए
इकोनॉमी पर कोरोना महामारी के प्रभाव के एनालिसिस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि कोविड - 19 के दौरान लगभग 52 करोड़ रुपये के प्रोडक्ट्स बर्बाद हो गए. इस दौरान आरबीआई ने 2020-21 के लिए प्रोडक्ट लॉस 19.1 लाख करोड़, 2021-22 के लिए 17.1 लाख करोड़ और 2022-23 के लिए 16.4 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया है.
मालूम हो कि रिपोर्ट का सब्जेक्ट रिवाइव और रिकंस्ट्रक्शन' है. इसमें पोस्ट कोविड अर्थव्यवस्था (Corona) को बेहतर करने और रिकवरी की बातों पर जोर दिया गया है.
महामारी पर चिंता
आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. " कोरोना महामारी की नई लहर ने चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप के कई हिस्सों में फिर से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है. हालांकि इस दौरान विभिन्न अर्थव्यवस्थाएं अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रही हैं. वहीं कुछ स्थानों पर नो-कोविड नीति अपनाई जा रही है. वहीं कुछ क्षेत्रों में कोविड से जुड़े प्रतिबंध हटाए जाने लगे हैं."
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