Reliance Industries ने रोबोटिक्स कंपनी में खरीदी हिस्सेदारी, अब होगा बड़ा फायदा

| Updated: Jan 19, 2022, 01:18 PM IST

Reliance Industries ने रोबोटिक्स कंपनी एडवर्ब टेक्नोलॉजीज 54% की हिस्सेदारी खरीद ली है.

डीएनए हिंदी: एशिया के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) जहां दिवालिया हो चुकी गुजरात टेक्सटाइल कंपनी सिंटेक्स इंडस्ट्रीज (Sintex Industries Ltd) को खरीदने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की रिटेल यूनिट रिलायंस रिटेल वेंचर (Reliance Retail Ventures) ने एडवर्ब टेक्नोलॉजीज (Addverb Technologies) में 983 करोड़ रुपए (13.2 करोड़ डॉलर) में 54% हिस्सेदारी खरीद ली है. बता दें कि इस अधिग्रहण के बाद भी इंडिया स्थित एडवर्ब स्वतंत्र रुप से काम करती रहेगी और RIL से मिले पैसे का इस्तेमाल अपने विदेशी कारोबार के विस्तार और नोएडा में अपने सबसे बड़े रॉबोटिक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना में करेगी.

एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के CEO ने दिया बयान 

एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर और सीईओ संगीत कुमार ने कहा है कि कंपनी स्वतंत्र रूप से काम करेगी. हालांकि इस इन्वेस्टमेंट के साथ ही रिलायंस एडवर्ब में 54 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी हो जाएगी और यह एडवर्ब की सबसे बड़ी शेयर धारक भी होगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले से ही हमारी अहम ग्राहक थी. जिसके साथ मिलकर हमने जियो मार्ट ग्रॉसरी बिजनेस (Jio Mart Grocery Business) के लिए हाइली ऑटोमेटेड वेयरहाउस बनाए हैं.

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कितनी हो गई है एडवर्ब टेक्नोलॉजीज  की वैल्यूएशन?

इस नए निवेश के साथ ही एडवर्ब का वैल्यूएशन 26.5 करोड़ डॉलर से बढ़कर 27 करोड़ डॉलर (करीब 2000 करोड़) रुपये के आसपास पहुंच गया है. कंपनी के पास पहले ही नोएडा में एक विनिर्माण संयंत्र है, जहां हर साल लगभग 10,000 रोबोट बनाए जाते हैं. एडवर्ब ने अपने एक ऑफिसियल बयान में यह भी कहा कि  रिलायंस रिटेल के साथ हमारी इस रणनीति भागीदारी से हमें 5G टेक्नोलॉजी (5G Technology), नई एनर्जी इनिसिएटिव (New energy initiative) के जरिए बनने विकसित होने वाली नई बैटरी टेक्नोलॉजी (battery technology), कार्बन फाइबर (carbon fiber) के क्षेत्र में होने वाले विकास तक पहुंच मिलेगी. जिससे हम ज्यादा विकसित और किफायती रोबोट बना सकेंगे.

भारत से आता है आय का 80% हिस्सा

एडवर्ब टेक्नोलॉजीज (Addverb Technologies) के को-फाउंडर और सीईओ संगीत कुमार (Sangeet Kumar) ने कहा कि "इस समय हमारी आय का 80% हिस्सा भारत से आता है, लेकिन अगले 4-5 वर्षों में भारत और विदेश व्यापार के बीच 50-50% की हिस्सेदारी होने की उम्मीद है. हमारी आय में सॉफ्टवेयर की कुल हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, जिसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान है." गौरतलब है कि एडवर्ब की स्थापना 2016 में हुई थी. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि वर्तमान वित्त वर्ष में कंपनी की रेवेन्यू में 100% की ग्रोथ देखने को मिल सकती है और यह पिछले वित्त वर्ष के 200 करोड़ रुपये से बढ़कर 400 करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है. यह भी बताते चलें कि सिंगापुर, नीदरलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में कंपनी की सहायक कंपनियां स्थापित हैं.

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