Russia Ukraine War: देश में महंगा हो सकता है Palm Oil, FM ने भी जताई चिंता

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 02, 2022, 03:23 PM IST

वैश्विक बाजार में Palm Oil की कीमतों पर 50 डॉलर प्रति टन की अतिरिक्त कीमत देनी पड़ रही है.

डीएनए हिंदी: रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के कारण वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल (Crude Oil) की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं जिससे भारत पर महंगाई की बड़ी मार पड़ने की संभावनाएं हैं और वहीं महंगाई का एक बड़ा झटका खाने का तेल यानी पाम ऑयल (Palm Oil) भी देता दिख रहा है जिसकी क़ीमतें तेजी से बढ़ रही है और इसकी सीधा असर घरों की रसोई पर पड़ेगा और लोगों की थाली तक महंगी हो जाएगी. 

तेजी से बढ़ रही हैं Palm Oil की कीमतें

दरअसल, चार प्रमुख तेलों में सबसे ज्यादा कीमतें पाम तेल की बढ़ती दिख रही हैं क्योंकि प्रमुख तेल कंपनियां काला सागर से तेल के आयात को लेकर प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं क्योंकि रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण इस इलाके में अस्थिरता की स्थिति है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक डीलरों का कहना है कि कि पाम तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर जा रही हैं और यह एशियाई और अफ्रीकी उपभोक्ताओं को सर्वाधिक प्रभावित करेगा.

भारत को करना पड़ रह है अतिरिक्त खर्च

भारत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमत, बीमा और माल ढुलाई (सीआईएफ) सहित लगभग 1,925 डॉलर प्रति टन पर खर्च करना पड़ रहा है जबकि कच्चे सोयाबीन तेल के लिए यह 1,865 डॉलर है. जानकारी के मुताबिक सन ऑयल की आपूर्ति युद्ध समाप्त ह़ोने तक बाधित रहेगी यही कारण है कि पाम ऑयल की मांग बढ़ गई है और  इसके चलते कीमतो वह इजाफा देखने को मिल रहा है. 

50 डॉलर प्रति टन पर अतिरिक्त खर्च 

इसके अलावा  कुआलालंपुर स्थित एक खाद्य तेल डीलर ने कहा कि कीमत के प्रति संवेदनशील एशियाई खरीदार पारंपरिक रूप से कम लागत और त्वरित शिपिंग समय के कारण पाम तेल पर निर्भर थे लेकिन अब वे सोया तेल और सनऑयल पर 50 डॉलर प्रति टन से अधिक प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं. 

हालांकि इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण निर्यात और आयात पर पड़ने वाले प्रभाव को गंभीरता से देख रहा है. सीतारमण ने कहा: "हम इस मामले को इसके नजर बनाए हुए हैं क्योंकि इसका खाद्य तेल जैसे यूक्रेन से आने वाले खाद्य तेलों, सूरजमुखी के तेल और उर्वरकों के कुछ हिस्सों आदि पर प्रभाव पड़ने वाला है."

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ऐसे में संभावनाएं हैं कि इस बढ़ी हुईं पाम आयल की कीमतों का भारत में आम आदमी पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला है. एक तरफ जहां क्रूड ऑयल की बढ़ती हुईं कीमतें देश में पेट्रोल डीजल के दामों को बढ़ाएंगी जिससे देश का सप्लाइ चेन प्रभावित होगा. ठीक इसी तरह आम आदमी की थाली में बढ़े हुए पाम ऑयल का प्रभाव पड़ेगा.

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