Russia Ukraine War: वैश्विक प्रतिबंधों के कारण अब रूसी कंपनियों से लेन-देन नहीं करेगा SBI

| Updated: Mar 02, 2022, 09:13 AM IST

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब एसबीआई ने रूसी कंपनियों के लेन-देन पर बड़ा फैसला लिया है.

डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते वैश्विक बाजार में रूस की स्थिति बिगड़ती जा रही हैं. ऐसे में अब वैश्विक बजार को रूस को झटका दे रहा है और रूस की कंपनियों प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. ऐसे में अब भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ऐलान किया है कि अब वो रूस की प्रतिबंधित कंपनियों से लेन-देन नहीं करेगा. इसे एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. 

SBI ने किया बड़ा ऐलान

दरअसल, अब भारत के शीर्ष सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस मामले में एक बड़ा कदम उठाया है. एसबीआई प्रतिबंधित रूसी संस्थाओं के साथ कोई भी लेन-देन नहीं करेगा. इसको लेकर रॉयटर्स द्वारा एक पत्र में यह जानकारी दी गई है. SBI इस मामले में अपने कुछ ग्राहकों को एक पत्र भेजा है. पत्र के मुताबिक, एसबीआई ने कहा है कि अमेरिका, यूरोपीय यूनियन या संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल “संस्थाओं, बैंकों, बंदरगाहों या जहाजों से जुड़े कोई भी लेनदेन” ट्रांजेक्शन की करेंसी के बावजूद पूरा नहीं किया जाएगा.

फैसले पर क्या बोला एसबीआई

खबरों के मुताबिक SBI ने इस मामले पर जानकारी मांगने वाले ईमेल या कॉल का तुरंत जवाब नहीं दिया. SBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारी एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी है और उनके न्यायाधिकार क्षेत्र में आने की वजह से हमें अमेरिका और यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. हमें इन नियमों का पालन नहीं करने वाले के रूप में नहीं देखा जा सकता है.”

गहरे हैं भारत रुस के संबंध

गौरतलब है कि अभी रूस के साथ गहरे व्यापार और रक्षा संबंध रखने वाले भारत ने अब तक सार्वजनिक रूप से अपने लंबे समय से सहयोगी रहे रूस की निंदा नहीं की है लेकिन भारत ने हिंसा को समाप्त करने और संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और बातचीत किए जाने का सुझाव दिया है. 

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SBI ने ग्राहकों को लिखे पत्र में प्रतिबंधित देशों से संबंधित किसी भी लेनदेन के दौरान “अतिरिक्त सावधानी” बरतने का भी आग्रह किया. कई प्रमुख भारतीय कॉरपोरेट घरानों के इस सरकारी बैंक के साथ गहरे संबंध हैं जिनके पास विदेशी शाखाओं का एक बड़ा नेटवर्क है. ऐसे में SBI को बड़ा फैसला माना जाता है.

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