IPO में शामिल होने वाले हैं कई कड़े नियम, SEBI करेगा बड़े बदलाव

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 27, 2021, 06:56 PM IST

निवेश को लेकर बढ़ी लोकप्रियता के बीच सेबी अब आईपीओ के नियमों में बड़े बदलाव करने वाली है.

डीएनए हिंदी : 2021 IPO निवेश के हिसाब से काफी सकारात्मक रहा है. इसके चलते लोगों में निवेश करने का विश्वास भी बढ़ा है. बढ़ते निवेश के दौर में आवश्यक है कि  पैसों की सुरक्षा का भी विेशेष रखा जाए. ऐसे में अब IPO के निमयों में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते है. 28 दिसंबर को होने वाली SEBI (बाजार नियामक संस्था प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की बैठक में आईपीओ को लेकर कुछ बड़े बदलाव जारी कर सकता है.

क्या हो सकते हैं ये नियम

IPO के इन सुधारों में नई प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा अज्ञात अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में जुटाए गए धन के उपयोग पर प्रतिबंध, IPO में एंकर निवेशकों के लिए Lock-IN अवधि में वृद्धि और आईपीओ आय की निगरानी जैसे सख्त नियम भी शामिल हैं. SEBI का मानना ​​है कि अज्ञात अधिग्रहण के लिए धन जुटाने से IPO के उद्देश्यों में अस्पष्टता आती है. यदि फ्रेश आइपीओ का महत्वपूर्ण हिस्सा ऐसे उद्देश्यों के लिए निर्धारित किया जाता है तो ये अनिश्चितताएं और बढ़ जाती हैं.

क्या है कॉरपोरेट वकीलों को मत

SEBI ने इस मुद्दे पर पत्र दाखिल कर जनता से जवाब मांगा था. इस मामले में कॉरपोरेट वकीलों ने अपना मत रखते हुए कहा है कि इस कदम से कंपनियों के अपने फंड का उपयोग करने के लचीलेपन पर अंकुश लग सकता है. SEBI ने अकार्बनिक विकास पहल और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों (जीसीपी) में फ्रेश इश्यु की 35 फीसद तक की संयुक्त सीमा का प्रस्ताव दिया था, जब प्रस्ताव के उद्देश्यों में इच्छित अधिग्रहण लक्ष्य की पहचान नहीं की गई थी. यह सीमा तब लागू नहीं होगी जब ऑफर दस्तावेज में विशिष्ट अधिग्रहण योजनाओं को सूचीबद्ध किया गया हो.

आपको बता दें कि देश में इस वर्ष कई बड़ी कंपनियों ने IPO निकाला है. Zomato, Nykaa और Paytm उन स्टार्टअप्स में से हैं, जो साल 2021 में भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुए हैं, और अधिक IPO लॉन्च करने के लिए नियामक की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. वित्त वर्ष 2022 में अब तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के इश्यू साइज वाले 23 IPO में से पांच गैर-पारंपरिक बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों के थे. 

IPO आईपीओ पेटीएम नायका फैशन