डीएनए हिंदीः बिजली बनाने के लिए होने वाले कार्बन उत्सर्जन के चलते सरकारें अब ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है. ऐसे में सोलर एनर्जी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा फायदा सोलर पैनल बनाने लगाने वालों को होता है. लोग अपने घरों में सोलर पैनल लगवाकर बिजली बना सकते हैं. वहीं उसे सरकार को बेचकर अपनी बिजली के बिल में तगड़ा फायदा उठा भी सकते हैं. .
सोलर पैनल का साधारण खर्च
आज के दौर में सोलर पावर का खर्च पहले की तुलना में बेहद कम हो गया है. इसे आप अपने घरों की छत पर लगवा सकते हैं. इसकी पावर से आप अपने घर का कोई भी अप्लायंस चला सकते है, बशर्ते आपकी छत का धूप से सीधा संपर्क हो. एक दो किलोवाट का सोलर पैनल 10 घंटे की धूप में 10 यूनिट की बिजली बना सकता है जिसे बैटरी में स्टोर किया जा सकता है.
एक 5 किलोवाट के सोलर पैनल की कीमत करीब 1 लाख 25 हजार रुपये है और इससे एक साधारण घर की बिजली की खपत पूरी हो सकती है. इसे लगाने के बाद आपको मेंटेनेंस का झंझट भी नहीं होगा. इन सोलर पैनल की उम्र करीब 25 वर्ष की होती है. खास बात ये है कि इन सोलर पैनल की बैटरी को आपको 10 साल में बदलवाना पड़ेगा. इसका खर्च करीब 20-30 हजार रुपये तक हो सकता है.
सरकार दे रही है सब्सिडी
ग्रीन एनर्जी केअभियान को वृहद रूप देने के तहत मोदी सरकार उन लोगों को सब्सिडी देगी जो कि अपने घरों में सोलर पैनल लगवाएंगे. सरकार से सब्सिडी के बाद सोलर पैनल की कीमतें 15 से 20 हजार तक घट जाती है. इतना ही नही लोगों को इन सोलर पैनल के लिए बैंकों से आसानी से लोन भी मिल जाता है और सहजता से वो अपनी छत पर सोलर पैनल लगा सकते हैं.
सरकार को बेच सकते हैं बिजली
सोलर पैनल लगाने के बाद एक सुविधा ये भी है कि लोग सोलर पैनल की बिजली को सरकार को भी बेच सकते हैं. इसके लिए आपको अपने सोलर पैनल की बिजली के कनेक्शन को पावर ग्रिड से कनेक्ट करना होगा. ऐसे में आपका सोलर पैनल जितनी बिजली बनाएगा और जितना आपका बिजली बिल होगा, उसी अनुपात में आपके बिजली बिल में सोलर पैनल की बिजली के कारण कटौती कर दी जाएगी. सरकार का ये तरीका आपके लिए बिजली बेचकर पैसे बचाने का तरीका भी बन सकता है.