Russia-Ukraine War के बीच आज भी सहमा शेयर बाजार, निवेशकों के लिए फायदा बन सकता Warren Buffett का सिद्धांत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 28, 2022, 12:11 PM IST

24 फरवरी से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक शेयर बाजार गिरावट से गुजर रहा है जिसका असर आज एक बार फिर भारतीय शेयर मार्केट पर दिखा है.

डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच जारी युद्ध के चलते वैश्विक शेयर बाजार धराशाई हो गया है जिसका असर भारत के शेयर मार्केट (Share Market) पर भी देखने को मिल रहा है. आज हफ्ते के पहले कारोबारी दिन एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला है. आज सेंसेक्स 529 अंकों की गिरावट के साथ 55329 और निफ्टी में 176 अंकों की गिरावट के साथ 16,481 अंकों पर कारोबार की शुरुआत हुई है लेकिन थोड़ी ही देर में गिरावट बढ़ गई और सेंसेक्स 950 अंक तो निफ्टी 285 अंक नीचे जा लुढ़क गया. ऐसे में निवेशकों को आज फिर एक बड़ा झटका लगा है.

जारी है गिरावट का दौर 

दरअसल, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक सेंसेक्स के 30 शेयरों में 27 लाल निशान में ट्रेड कर रहे है तो 3 शेयर केवल हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं. इसमें सबसे बड़ी गिरावट देश के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में देखी जा रही है जो 2.50 फीसदी गिरकर 1,419 रुपये पर ट्रेड कर रहा हैं. वहीं यदि चढ़ने वाले शेयर की बात करें तो पावर ग्रिड 0.73 फीसदी चढ़कर 199 रुपये के करीब कारोबार कर रहा है.  

इसके अलावा निफ्टी की बात करें तो निफ्टी के 50 शेयरों में 46 लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं तो 4 हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं. निफ्टी में टाटा मोटर्स 3.07 फीसदी गिरकर 445 रुपये पर रहा. वहीं बढ़ने वालों में हिंडाल्को में सबसे ज्यादा तेजी है जो 0.70 फीसदी बढ़कर 537 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार जारी गिरावट के कारण निवेशकों का नुकसान बढ़ रहा है.

गौरतलब है कि भारतीय शेयर बाजार में मेटल सेक्टर को छोड़कर सभी सेक्टर्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं. बैकिंग सेक्टर्स के शेयर में सबसे ज्यादा बिकवाली देखी जा रही है. ऑटो, आईटी, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयर भी लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं लेकिन यह गिरावट भी निवेशकों के लिए फायदे का सबब बन सकती है. 

निवेश की बढ़ीं संभावनाएं

दरअसल, मशहूर निवेशक वारेन बफेट ने एक बार निवेशकों के लिए कहा था कि "जब दूसरे लालची हों तो भयभीत होना और दूसरे भयभीत होने पर लालची होना बुद्धिमानी है." यह कथन कुछ हद तक शेयर बाजारों पर एक विरोधाभासी दृष्टिकोण है और सीधे एक परिसंपत्ति की कीमत से संबंधित है. 

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बफेट का मानना था कि जब अन्य लोग लालची होते हैं तो कीमतें आम तौर पर उबलती हैं और प्रत्येक व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए कि वे किसी संपत्ति के लिए अधिक निवेश न करें जो बाद में दिक्कत खड़ी कर सकता है. इसी तरह जब सब भयभीत हों तो एक बड़े निवेश की संभावनाएं बन जाती हैं. ऐसे में यह शेयर मार्केट में यह मुश्किल दौर में जब स्टॉक्स की कीमतें कम हैं तो वारेट बफेट के अनुसार निवेश की संभावनाएं अधिक हैं जो बाद में आश्चर्यजनक फ़ायदे दे सकते हैं.

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