डीएनए हिंदी: मंगलवार को दुनियाभर के बाजारों (World Economy) में कमजोरी का असर भारत में भी देखने को मिला. व्यापार के अंतिम घंटे में भारतीय इक्विटी बेंचमार्क (Indian Equity Benchmark) में गिरावट देखी गई. निवेशकों को यह भारी गिरावट यूक्रेन-रूस जंग और चीन में बढ़ते कोविड मामलों की वजह से सहनी पड़ रही है.
बता दें की Sensex 703.6 पॉइंट्स यानि 1.2 प्रतिशत नीचे 56,463.2 पर बंद हुआ और Nifty 215 पॉइंट्स नीचे 16,958.7 पर बंद हुआ.
रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों को कुल 3.4 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, साथ ही बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 269.4 लाख करोड़ रुपये से घटकर 266 लाख करोड़ रुपये रह गया.
निफ्टी के 50 बड़े निवेशकों (Indian Investors) में 44 कंपनी जिनमे एचडीएफसी लाइफ, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई लाइफ, टाटा कंज्यूमर, आईटीसी और सिप्ला सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. वहीं अपोलो हॉस्पिटल्स, कोल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बीपीसीएल, आईसीआईसीआई बैंक और ओएनजीसी 0.2 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत के बीच मुनाफे के साथ बढ़े.
आईटी, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट के साथ हेडलाइन इंडेक्स को नीचे धकेल दिया. केवल दो दिन में निफ्टी के आईटी इंडेक्स 3 फीसदी गिरकर 8 फीसदी पर आ गया.
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इंडेक्स में सबसे ऊपर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), और इंफोसिस (Infosys) के वित्तीय परिणामों में लगाए गए अनुमान गलत साबित हुए, जीससे कॉरपरेट अरनिंग सीजन की खराब शुरुआत रही.
वैश्विक बाजार का हाल
पूरे यूरोप में इक्विटी शुरुआती घंटों में भारी गिरावट देखि गई. पैन-यूरोपीय स्टोक्स 600, 1.2 प्रतिशत नीचे बंद हुआ.
वॉल स्ट्रीट पर सुस्त शुरुआत हुई, एसएंडपी 500 फ्यूचर 0.1 प्रतिशत नीचे था.
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