क्या सुधा मूर्ति राजनीति में होंगी शामिल? नारायण मूर्ति की पत्नी ने कही ये बात

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 09, 2023, 01:15 PM IST

Sudha Murthy.

सुधा मूर्ति ने नए संसद भवन की भी प्रशंसा की और कहा कि इस भवन का दौरा करना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है.

डीएनए हिंदी: सुधा मूर्ति किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. वह एजुकेटर हैं, समाजसेवी हैं, लेखिका हैं और इंफोसिस फाउंडेशन के अध्यक्ष और सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं. उनकी कही बातें लोग सुनते हैं, उनके प्रशंसकों की संख्या लाखों में हैं. जीवन के कई दशक बीत चुके हैं लेकिन नारायण मूर्ति के साथ उनकी केमेस्ट्री देखते ही बनती हैं.

उद्योग जगत में कई ऐतिहासिक काम करने के बाद अब जब उनसे राजनीति में जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने मजेदार जवाब दिया. सुधा मूर्ति ने कहा कि उन्हें राजनीति में शामिल होने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वह जिस तरह से हैं, उससे खुश हैं.

सुधा मूर्ति ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैं जो भी हूं, उससे खुश हूं. मैं जैसी हूं, वैसी ही खुश हूं.' सुधा मूर्ति ने नए संसद भवन की भी प्रशंसा की और कहा कि इस भवन का दौरा करना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है.

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संसद जाना सपने के सच होने जैसा
सुधा मूर्ति ने कहा, 'यह बहुत सुंदर है. इसका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं, मैं इसे लंबे समय से देखना चाहती थी. यह आज एक सपना सच होने जैसा था. यहां कला, संस्कृति, भारतीय इतिहास, सब कुछ बहुत सुंदर है.'

बहू के साथ कैसे हैं सुधा मूर्ति के रिश्ते
सुधा मूर्ति ने हाल ही में यूट्यूब पर सुधा अम्मा के साथ ए एनिमेटेड श्रृंखला स्टोरी टाइम भी लॉन्च की और अपनी बहू अपर्णा कृष्णन के साथ अपने संबंधों के बारे में भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों मोर्चों पर एक-दूसरे के साथ कोई समस्या नहीं है.

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गैरजरूरी दखल से बचती हैं सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति से उनकी बहू के साथ रिश्ते के बारे में भी पूछा गया. उन्होंने कहा, 'हमें कोई परेशानी नहीं है. ईश्वर की कृपा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने अपनी कहानी बताई लेकिन मैंने परेशान नहीं किया. मैं उसके काम में हस्तक्षेप नहीं करती. मुझे लगता है कि यह उसका डोमेन है मुझे बिना जानकारी के हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. न ही हममें से एक-दूसरे में घुलने-मिलने और एक-दूसरे को गलत समझने के लिए इतना समय था. ज्यादातर समय वह अपने काम में व्यस्त रहती है और मैं भी यात्रा कर रही हूं. वह अच्छी है, कुशल है और वह अच्छा काम करेगी, मुझे चिंता क्यों करनी चाहिए?'

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