किसानों की मदद के लिए 'तरू' की शुरुआत, जानिए कैसी है Team

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated:Apr 09, 2022, 08:32 PM IST

तरू की शुरुआत पूर्व बिहार के बिहारशरीफ से की गई है. 

डॉ. कमल किशोर सिंह ने कृषि विज्ञान में डॉक्टरेट किया है और एक दशक से खेत -खलियान से जुड़े हैं.

डीएनए हिंदी: बिहार की राजधानी पटना में एग्रो-टेक स्टार्टअप 'तरू' का लॉन्च किया गया. Taru खेत, किसान और कृषि आजीविका के क्षेत्र में काम करने के उद्देश्य से किया गया है. स्टार्टअप की टीम में राहुल कुमार, राजीव रंजन, डॉ. कमल कृष्ण सिंह, सुभाशीष भट्टाचार्य और श्याम सुंदर झा शामिल हैं. राहुल लगभग दो दशक से एग्रीकल्चर सप्लाई चेन में इंटरनेशनल लेवल पर काम कर रहे हैं. कृषि क्षेत्र में पकड़ बनाने के बाद उन्हें किसानों के लिए कुछ अच्छा और नया करने का विचार आया. 

कैसी है टीम
राहुल हमेशा से किसानों को टिकाऊ खेती की तरफ ले जाना चाहते थे जिसकी शुरुआत उन्होंने ‘तरू’ की नींव डालकर की है. राजीव रंजन को टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट डेवलपमेंट में दो दशक का अनुभव है. उनका मानना है कि टेक्नोलॉजी का कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल कर कृषि सशक्तीकरण लाया जा सकता है. डॉ. कमल किशोर सिंह ने कृषि विज्ञान में डॉक्टरेट किया है और लगभग एक दशक से खेत -खलियान से जुड़े हैं. डॉ. कमल ने स्थानीय किसानों के साथ रहकर कृषि क्षेत्र में काफी काम किया है. चाहे बात किसी उत्पाद की हो, कृषि संबंधित सलाह की या इससे जुड़ी सर्विस की, वह हमेशा किसानों के साथी बने रहे हैं. सुभाशीष भट्टाचार्य ने टेक्नोलॉजी, कॉम्प्लेक्स बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में काम किया है. उनका मानना है टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि जैसे कठिन काम को आसान बनाने की कोशिश की जा सकती है क्योंकि अब दुनिया टेक्नोलॉजी की है, ऐसे में किसान भाई - बहन पीछे ना रह जाएं. 

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श्याम सुंदर झा को भी टेक्नोलॉजी क्षेत्र में 20 साल का अनुभव है. किसान परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से उन्हें खेत की मिट्टी हमेशा से आकर्षित करती रही है. उनका मानना है कि टेक्नोलॉजी को कृषि से जोड़कर खेत-खलियान और किसानों के जीवन में खुशहाली लाई जा सकती है. 

किसानों को आजीविका के बेहतर विकल्प उपलब्ध कराना लक्ष्य 
‘तरू’ का मिशन किसानों के लिए एक अलग और बेहतर एग्रो-टेक जमीन तैयार करना ताकि उर्वरक मिट्टी से लेकर लहलहाती फसल के साथ-साथ किसानों को कृषि आजीविका में नए और बेहतर विकल्प उपलब्ध हों. इसकी शुरुआत पूर्व बिहार के बिहारशरीफ से हो रही है. कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पुरानी कृषि प्रणाली के उपयोग से आने वाली दिक्कतें, खाद के ज्यादा उपयोग से होने वाली समस्याएं, टिकाऊ फसल प्रणाली का अभाव, जोत का छोटा आकार, मशीनीकरण का अभाव और रोजगार की कमी इसमें शामिल हैं. 

इस तरह की कई और समस्याओं को सुलझाने के लिए 'तरू' की टीम किसानों के बीच आई है. आने वाले समय में कृषि निवेश और उत्पादों का स्थानीय वितरण केन्द्रों के माध्यम से कर किसानों की आजीविका में सुधार किया जाएगा. 

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