डीएनए हिंदी : भारत में हीरे (Diamond )का व्यवसाय एक बड़ा व्यवसाय है. यहां लगभग 40% रफ़ हीरा रूस से आता है. वहां का अलरोसा माइन भारत में हीरा आयात का मुख्य स्रोत है. यह माइन दुनिया के सबसे बड़े हीरा खदानों में से एक है. यह हीरा जब भारत आता है तो अधिकतर कटिंग, पॉलिशिंग और प्रॉसेसिंग के लिए गुजरात के शहर सूरत का रुख करता है. गौरतलब है कि दुनिया के लगभग 80% हीरे सूरत में ही प्रॉसेस होते हैं. वहां से इसे अन्य जगहों पर एक्सपोर्ट किया जाता है. भारत में पॉलिश किए हुए हीरे का सबसे बड़ा आयातक अमेरिका है. इस वक़्त रूस और यूक्रेन के बीच के हालात को देखते हुए भारत के हीरा व्यापारी चिंतित हैं.
क्या कहना है हीरा उद्योगपतियों का
गुजरात में सूरत के बाशिंदे कीर्ति शाह Diamond उद्योगपति हैं. वे आगामी दिनों की बाबत कहते हैं कि रूस के यह आश्वासन देने के बाद भी कि Diamond एक्सपोर्ट में उनकी तरफ़ से कोई कमी नहीं आएगी, बाज़ार पिछले 10-12 दिनों से डाउन है. यहां से अधिकतर हीरा निर्यात होकर अमेरिका जाता है. अमेरिका के रूस पर प्रतिबन्ध लगाने की स्थिति में काफ़ी परेशानियां नज़र आ सकती हैं.
अलरोसा के 80% हीरे बेल्जियम के रास्ते आते हैं
बीते वर्ष में अलरोसा दुनिया भर में हीरे की बिक्री में डी बीयर्स के बाद दूसरे स्थान पर रहा था. इसने 4.2 बिलियन डॉलर के हीरे की बिक्री की थी. अलरोसा से भारत आने वाले हीरों में तीन चौथाई से अधिक बेल्जियम के रास्ते आता है. बेल्जियम यूरोपियन यूनियन देश है. अमेरिका की तरह यूरोपियन यूनियन ने भी रूस पर प्रतिबन्ध लगाए हैं.
किस तरीक़े से हीरा कारोबार पर असर हो सकता है?
एक हीरा व्यापारी के अनुसार युद्ध की स्थिति में भारतीय मुद्रा के डॉलर के सम्मुख गिरने पर भी हीरा व्यापार प्रभावित हो सकता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस वक़्त डॉलर क़रीब 80 रू/- तक पहुंच चुका है. इस वजह से रफ हीरे के देश में आयात की संभावना घट जाएगी और फलतः निर्यात सहित पूरा व्यापार प्रभावित हो सकता है. चूंकि
भारत का Jewellery सेक्टर देश की GDP में क़रीब 7 फ़ीसदी की हिस्सेदारी रखता है, हीरे के व्यापार में मंदी अर्थ व्यवस्था पर भारी पड़ सकती है.