डीएनए हिंदी: World News in Hindi- अमेरिका की टेक फर्म फ्रंटडेस्क ने नए साल की शुरुआत बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी से की है. कंपनी ने अपने 200 कर्मचारियों को महज दो मिनट की गूगल मीट वीडियो कॉल पर नौकरी से हटाए जाने की सूचना दी और उनके साथ नाता खत्म कर लिया. मंगलवार सुबह की गई इस छंटनी की चपेट में कंपनी के फुल टाइम कर्मचारियों के साथ ही पार्ट टाइम और कांट्रेक्ट कर्मचारी भी आए हैं. TechCrunch की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन प्रॉपर्टी बिजनेस चलाने वाली फ्रंटडेस्क कंपनी लगातार आर्थिक संकट से जूझ रही है और यह संकट बढ़ जाने के बाद अपने खर्च कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की गई है.
स्टेट रिसीवरशिप की प्रक्रिया शुरू करेगी कंपनी
TechCrunch की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रंटडेस्क के CEO जेस्से डिपिंटो ने वीडियो कॉल के दौरान कर्मचारियों को कंपनी के आर्थिक संकट की जानकारी दी. साथही उन्हें बताया कि कंपनी स्टेट रिसीवरशिप हासिल करने के लिए आवेदन दाखिल करने वाली है, जो दिवालिया घोषित होने का एक विकल्प है. इसमें कंपनी का संचालन सरकार के हाथ में आ जाता है.
2.6 करोड़ डॉलर जुटाए थे कंपनी ने इन्वेस्टर्स से
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रंटडेस्क स्टार्टअप्स का बिजनेस मॉडल मार्केट रेंटल रेट्स पर अपार्टमेंट्स को लीज पर लेना और फिर उन्हें फर्नीशिंग कराकर शॉर्ट टर्म किराये पर दूसरी पार्टी को देना है. कंपनी यह काम 30 मार्केट में कर रही है, लेकिन इस काम में बहुत ज्यादा अपफ्रंट कॉस्ट शामिल होने के चलते उसे आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. कंपनी ने हाल ही में जेटब्लू वेंचर्स और वेरिटास इन्वेस्टमेंट्स जैसे इन्वेस्टर्स से 2.6 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई थी, लेकिन अब उसे इन्वेस्टर्स को फुल बिल्डिंग मैनेजमेंट से अपना ध्यान दूसरी तरफ लगाने के लिए तैयार करने में बेहद चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
अमेरिका में 1,000 से ज्यादा अपार्टमेंट चलाती है फ्रंटडेस्क
साल 2017 में स्टार्ट की गई फ्रंटडेस्क पूरे अमेरिका में 1,000 से ज्यादा पूरी तरह फर्नीशड अपार्टमेंट्स का संचालन करती है. करीब 7 महीने पहले ही कंपनी ने विस्कॉनसिन में उसे चुनौती दे रही छोटी सी कंपनी जेनसिटी का अधिग्रहण किया था. कंपनी अब आर्थिक संकट के कारण प्रॉपर्टी रेंटल पेमेंट भी नहीं दे पा रही है, जिससे उसके अपार्टमेंट मालिकों के साथ संबंध खराब हो रहे हैं. इसी कारण कर्मचारियों की छंटनी कर अपना खर्च कम करने और आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश शुरू की गई है.
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