इस हफ्ते ये फैक्टर्स Share Market पर डालेंगे असर, आ सकती है और गिरावट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 06, 2022, 06:27 PM IST

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग से बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. निवेशकों में इसे लेकर काफी डर देखने को मिल रहा है.

डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जारी जंग से निवेशक बुरी तरह डरे हुए हैं. यूरोप में क्राइसिस के चलते एक हफ्ते में भारी गिरावट दर्ज की गई. घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स में मार्केट ट्रेंड्स में बदलाव नहीं आया है. एनालिस्ट्स का मानना है कि इस हफ्ते भी बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रह सकता है.

बाजार के पार्टिसिपेंट्स का पूरा ध्यान रूस और यूक्रेन के संकट और क्रूड ऑयल के बढ़ते-घटते दाम पर बना रहेगा. इसके अलावा देश में चल रहे चुनाव पर भी पार्टिसिपेंट्स की नज़र बनी रहेगी.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेलिगेयर ब्रोकर के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च अजीत मिश्रा ने बताया कि "बैंकिंग के साथ ही क्रूड पर खासे निर्भर सेक्टर/स्टॉक्स पर प्रेशर बना हुआ है. वहीं मेटल, आईटी और चुनीदा एनर्जी स्टॉक्स मार्केट को कुछ राहत दे रही हैं. हम चुनिंदा शेयरों में खरीदारी और मार्केट में स्टेबिलिटी आने तक अपनी लीवरेज पोजिशन पर नजर बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं."

रूस-यूक्रेन जंग

रूस का यूक्रेन पर लगातार हमला तेज हो रहा है. मार्केट में लगता उतार-चढ़ाव का मंजर बना हुआ है. पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे वैश्विक बाजार को तगड़ा झटका लगा है. आपूर्ति बाधित होने की वजह से एनर्जी मार्केट पर भी असर देखने को मिल रहा है. कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है. 

महंगाई

जंग की वजह से महंगाई तेजी के साथ पैर पसार रही है. एनालिस्ट्स का मानना है कि फ्यूल की कीमतों में इजाफा होने से भारत सरकार का बजाय लड़खड़ा सकता है. इसके अलावा गेंहू, पॉम ऑयल और कोयला भी आने वाले दिनों में आम आदमी को कमर तोड़ सकते हैं. इससे निवेशकों को कैश की कमी का सामना करना पड़ सकता है.

चुनाव

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आ जायेंगे. बाजार की नजर इन नतीजों पर भी बनी हुई है. अगर प्रमुख राज्यों में सत्तारूढ़ दल को हार मिलती है तो इसका बाजार पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है. 

एफआईआई की बिकवाली

मार्च के सिर्फ तीन सेशंस में विदेशी निवेशकों ने इक्विटी बाजार में 14,721 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. वहीं मौजूदा कैलेंडर ईयर में पिछले दो महीनों में 7,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की तुलना में बहुत इंपोर्टेंट है. एनालिस्ट्स का मानना है कि यह बिकवाली जारी रह सकती है जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है.

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