डीएनए हिंदी: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या करने के इच्छुक होंगे तो आपने इनसाइडर ट्रेडिंग का नाम भी सुना होगा? इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होता है? क्या यह कानूनी है? अमूमन इस तरह के सवाल हमारे जेहन में आते रहते हैं. यहां हम आपको बताएंगे कि इनसाइडर ट्रेडिंग होती क्या है और ये कैसे काम करती है?
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
आम भाषा में समझें तो जब कोई व्यक्ति गैर कानूनी तरीके से शेयरों की खरीद बिक्री करके फायदा कमाता है तो इसे ही इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) कहते हैं. इसे हिंदी में भेदिया कारोबार भी कहते हैं. ऐसा खासकर किसी बड़ी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ व्यक्ति कंपनी के अंदर की अहम जानकारियों के आधार पर करता है.
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए अगर कोई कंपनी किसी दूसरी कंपनी के साथ मर्जर यानी कि विलय करने वाली है या अपनी कंपनी के शेयर गिरवी रखकर पैसा जुटाने के फिराक में है. ऐसे में प्रमोटर या कंपनी से जुड़े लोगों को हल्का सा भी अनुमान है कि इस कदम से कंपनी का शेयर बढ़ेगा तो वो डील अनाउंस होने से पहले ही अपने करीबियों के नाम पर शेयर खरीद लेते हैं. अब डील के अनाउंस होने से जैसे ही शेयर के दाम में उछाल आता है वो शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं. इसे ही इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं. हालांकि प्रमोटर अगर शेयर की खरीद करता है तो यह गलत नही है बस उसे SEBI के दिशा निर्देशों के मुताबिक शेयर में खरीदारी करनी चाहिए.
इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए सेबी के उठाये गए कड़े कदम
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इनसाइडर ट्रेडिंग की पहचान करने के लिए मार्केट सर्विलांस सिस्टम लागू की है जो मार्केट में चल रहे असामान्य मार्केट पैटर्न पर नजर बनाए रखती है. सेबी समय-समय पर अपने सिस्टम में सुधार करता रहता है. इस नियम के तहत कई कंपनियों को दंडित भी किया जा चुका है.
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