डीएनए हिंदी: विप्रो (Wipro) की तरह, इंफोसिस (Infosys) ने भी हाल के महीनों में मूनलाइटिंग (Moonlighting) के लिए कर्मचारियों को निकाल दिया है. सीईओ सलिल पारेख ने गुरुवार को कहा, "हमने जहां भी कर्मचारियों को दो अलग-अलग कंपनियों में काम करते हुए पाया है वहां से गोपनीयता के मुद्दे पर हमने उन्हें पिछले 12 महीनों में जाने दिया है." हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी भी तरह के आंकड़े का जिक्र नहीं किया है.
विप्रो के चेयरमैन ऋषभ प्रेमजी ने कुछ हफ्ते पहले कहा था कि कंपनी ने मूनलाइटिंग के लिए 300 कर्मचारियों को निकाल दिया है.
हालांकि, इंफोसिस (Infosys) कर्मचारियों को बाहरी काम करने की अनुमति देने के लिए एक नीति पेश करने की योजना बना रही है. पारेख ने कहा कि इंफोसिस ने एक्सेलरेट नामक एक प्लेटफॉर्म स्थापित किया है जहां कर्मचारी इंटरनल गिग वर्क और बाहर की परियोजनाओं को देख सकते हैं. इंफोसिस ने बताया था कि एक्सीलरेट और इंफोसिस गिगमार्केटप्लेस मैनेजर्स को शॉर्ट-ड्यूरेशन गिग वर्क को लिस्ट करने में सक्षम बनाते हैं. संगठन भर में आंतरिक प्रतिभा निष्पादन द्वारा इन नौकरियों को उठा सकती है.
पारेख ने कहा, "औसत तिमाही में, 4,000 लोग इन नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें से 600 चुने जाते हैं. हम काम से परे सीखने के लिए अपने कर्मचारियों की आकांक्षाओं का समर्थन करते हैं. हम संविदात्मक गोपनीयता प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह से सम्मान सुनिश्चित करते हुए अधिक व्यापक नीतियां विकसित कर रहे हैं. हालांकि, हम दोहरे रोजगार का समर्थन नहीं करते हैं."
इंफोसिस ने दूसरी तिमाही में 10,032 से अधिक कर्मचारियों को कंपनी से जोड़ा है, जिससे कुल कर्मचारियों की संख्या 3.4 लाख हो गई है. सीएफओ नीलांजन रॉय ने कहा, "कंपनी ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में 40,000 फ्रेशर्स को काम पर रखा है. फ्रेशर्स को शामिल करने में कोई देरी नहीं की गई है." सितंबर तिमाही में स्वैच्छिक कर्मचारियों की संख्या घटकर 27.1% हो गई है, जो पिछली तिमाही में 28.4% थी.
क्या है Moonlighting?
जब कोई कमर्चारी अपने वर्तमान कंपनी में रहते हुए किसी अन्य कंपनी या उससे भी ज्यादा कंपनियों में भी सेवाएं देता है तो इसे मूनलाइटिंग कहते हैं. हालांकि कंपनियां अपने कर्मचारियों को इसकी अनुमति नहीं देती हैं.
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