डीएनए हिंदी: डिजिटल क्रांति ने ना सिर्फ संवाद को सरल बनाया है बल्कि कमाई के भी नए और मजेदार विकल्प पेश किए हैं. इन्हीं का नतीजा है कि अब यू-ट्यूब जैसा डिजिटल प्लेटफॉर्म देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम योगदान देता नजर आ रहा है.ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार यू-ट्यूब वीडियो क्रिएटर्स ने साल 2020 में देश की अर्थव्यवस्था में 6,800 करोड़ का योगदान दिया है. यही नहीं इस रिपोर्ट की मानें तो यू-ट्यूब ने जीडीपी में 6.84 लाख नौकरियों के बराबर मदद की है.
मिली दुनिया तक पहुंच
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की इस रिपोर्ट के अनुसार यूट्यूब से जुड़े 80 प्रतिशत भारतीय क्रिएटर्स का मानना है कि यू-ट्यूब छोटे और मध्यम वर्गीय उद्योगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है. 92 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें यू-ट्यूब के जरिए दुनिया भर में नए लोगों तक पहुंचने में मदद मिली.
लाखों में कमाई
इस रिपोर्ट के मुताबिक 40,000 से ज्यादा यूट्यूब चैनल ऐसे हैं जिनके एक लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. इनकी संख्या हर साल 45 फीसदी की दर से बढ़ रही है. यूट्यूब किसी भी चैनल को मोनेटाइज करने यानी उसके जरिए पैसे कमाने के 8 अलग-अलग तरीके पेश करता है. इसी के जरिए कम-से-कम छह अंकों या इससे अधिक कमाई करने वाले यूट्यूब चैनलों की संख्या में देश में सालाना 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो रही है. छह अंकों या इससे ज्यादा की कमाई का सीधा मतलब है एक लाख या उससे ज्यादा रुपये.
अपार संभावनाएं
यूट्यूब पार्टनरशिप, APAC, के क्षेत्रीय निदेशक अजय विद्यासागर के अनुसार, भारत के रचनात्मक क्षमताओं से भरपूर लोगों में अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली ताकत के रूप में उभरने की क्षमता है.
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