डीएनए हिंदी: बीते कुछ महीनों से सब्जियों के साथ-साथ गेहूं और चावल की बढ़ती कीमतों से आम लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. इन बढ़ती कीमतों को कंट्रोल करने लिए केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार ने बुधवार 9 अगस्त 2023 को इन बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए फैसला लिया है. अब केंद्रीय पूल के अलावा 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल फुटकर मार्केट में बेचेगी.
फूड सेक्रेटरी संजीव चोपड़ा के मुताबिक अभी हाल में ही गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी आई है. बता दें कि अब सरकार 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल ओपन मार्केट सेल स्कीम यानी ओएमएसएस (Open Market Sale Scheme) के तहत खुले बाजार में बेचेगी.
ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS)
फूड सेक्रेटरी संजीव चोपड़ा ने बताया कि कुछ महीने पहले ही ओपन मार्केट सेल स्कीम की घोषणा हुई थी. इसके तहत 15 लाख टन गेहूं और 5 लाख टन चावल की बिक्री का फैसला लिया गया था. संजीव चोपड़ा ने ये भी जानकारी दी की अब तक लगभग 7 लाख टन गेहूं OMSS के द्वारा ई-नीलामी में बेच दिया गया है. इसमें चावल की बिक्री बेहद कम देखी गई है.
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चावल का रिजर्व प्राइज 2 रुपये घटाया जाएगा
7 अगस्त 2023 को एक रिपोर्ट में बताया गया कि गेहूं की कीमतों में एक साल के दौरान रिटेल मार्केट में लगभग 6.77% और थोक बाजार में 7.37% तेजी देखा गई है. इसी कड़ी में चावल की कीमतों की बात करें तो रिटेल मार्केट में चावल की कीमतें 10.63% और थोक बाजार में 11.12% बढ़ी हैं. संजीव चोपड़ा के मुताबिक, चावल का रिजर्व प्राइज 2 रुपये से घटाकर 29 रुपये किलो कर दिया गया है.
खाद्य महंगाई पर लगाम कसने की उम्मीद है
बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अनाज की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए सरकार के द्वारा ये फैसला लिया गया है. संजीव चोपड़ा के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से खाद्य महंगाई पर काबू पाने की उम्मीद की जा सकती है.
हटाया जा सकता है आयात शुल्क
फूड सेक्रेटरी ने बताया कि सरकार खाद्य सामग्री की कीमतों पर काबू पाने के लिए बहुत से उपाय कर रही है. इसके अंतर्गत आयात शुल्क में भी कमी की जाएगी. साथ ही अन्य ऑप्शन पर भी ध्यान दिया जाएगा.
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गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध अभी भी जारी
बता दें कि सरकार ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. जिसे अभी भी खत्म नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि 15 सालों में पहली बार सरकार ने इस साल जून में जमाखोरी पर लगाम लगाने और कीमतों को कम करने के लिए गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई है. इसके अलावा 20 जुलाई 2023 को सरकार ने नॉन-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
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