भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने सोमवार को कहा कि उसने आधार-आधारित फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन (Aadhaar Card Update) और स्पूफिंग प्रयासों का तेजी से पता लगाने के लिए एक नया सिक्योरिटी मैकेनिज्म पेश किया है. यूआईडीएआई केमुताबिक, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (I/ML) आधारित सिक्योरिटी मैकेनिज्म कैप्चर किए गए फिंगरप्रिंट की वास्तविकता की जांच करने के लिए "फिंगर मिन्यूशिया और फिंगर इमेज दोनों के संयोजन" का उपयोग करेगा.
UIDAI ने यह भी कहा कि नया सिक्योरिटी मैकेनिज्म मजबूत फिंगरप्रिंट-आधारित आधार ऑथेंटिकेशन के लिए है. साथ ही यह भी कहा कि "यह आधार ऑथेंटिकेशन लेनदेन को और भी मजबूत और सुरक्षित बना रहा है."
UIDAI ने एक बयान में कहा कि "नया टू-फैक्टर/लेयर ऑथेंटिकेशन फिंगरप्रिंट की वास्तविकता (लाइवनेस) को मान्य करने के लिए ऐड-ऑन चेक जोड़ रहा है, ताकि स्पूफिंग प्रयासों की संभावना को और कम किया जा सके."
UIDAI से मैकेनिज्म बैंकिंग और वित्तीय, दूरसंचार और सरकारी जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोग की उम्मीद है. इसके अलावा, यह आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली को मजबूत करेगा और बेईमान तत्वों द्वारा दुर्भावनापूर्ण प्रयासों पर अंकुश लगाएगा, जिससे 'पिरामिड के निचले हिस्से' को लाभ होगा.
UIDAI ने साथ ही यह भी कहा कि “आधार-आधारित फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन के लिए नया सुरक्षा तंत्र अब पूरी तरह कार्यात्मक हो गया है. UIDAI ने अपने भागीदारों और उपयोगकर्ता एजेंसियों के महीनों की चर्चा और हैंड-होल्डिंग के बाद रोलआउट और माइग्रेशन किया है.”
यूआईडीएआई ने कहा कि उसका हेड ऑफिस और उसके रीजनल ऑफिस जल्द से जल्द नए सुरक्षित ऑथेंटिकेशन मोड पर स्विच करने के लिए किसी भी यूजर एजेंसी की सुविधा के लिए सभी संस्थाओं के संपर्क में हैं.
आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन लेन-देन को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है क्योंकि यह कई कल्याणकारी लाभों और सेवाओं का लाभ उठाने में मददगार साबित हुआ है.
UIDAI ने कहा कि, “दिसंबर 2022 के अंत तक, आधार ऑथेंटिकेशन लेनदेन की एक संचयी संख्या 88.29 बिलियन को पार कर गई थी और औसतन प्रति दिन 70 मिलियन का लेनदेन हो रहा था. उनमें से अधिकांश फिंगरप्रिंट-आधारित प्रमाणीकरण हैं, जो दैनिक जीवन में इसके उपयोग और उपयोगिता का संकेत देते हैं."
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