डीएनए हिंदी: संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के लगाए गए नए आरोपों के बाद गुरुवार को अडानी (Adani) के दस में से नौ शेयर लाल निशान पर बंद हुए. अडानी ग्रुप के पारिवारिक सहयोगियों ने "opaque" मॉरीशस फंड के जरिए अपने फर्म में लाखों डॉलर का निवेश किया.
31 अगस्त को एनएसई (NSE) पर अडानी ग्रुप के इन शेयरों में घाटा हुआ है:
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 3.51% का घाटा दर्ज हुआ
अडानी टोटल गैस के शेयर की कीमत में 2.24% गिरावट दर्ज हुई
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर की कीमत में 3.53% की कमी आई
अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर की कीमत 3.76% की गिरावट
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक के शेयर और ACC का शेयर मूल्य 0.73% की गिरावट दर्ज की गई
अंबुजा सीमेंट्स के शेयर में 3.66% की गिरावट दर्ज की गई
एनडीटीवी (NDTV) के शेयर में 1.92% के निचले स्तर पर बंद हुआ
अडानी पावर (Adani Power) के शेयर में 1.93% की गिरावट
अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयर में 2.70% के घाटे पर बंद हुआ.
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एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सत्र में सभी 10 शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग 10.84 लाख करोड़ था, लेकिन 31 अगस्त को गिरकर लगभग 10.49 लाख करोड़ हो गया. जिससे ग्रुप को एक ही दिन में लगभग 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 35,000 करोड़ में से वहीं जीवन बीमा निगम (LIC) ने केवल एक सत्र में छह अडानी ग्रुप की कंपनियों में 1,439.8 करोड़ रुपये का मूल्य खो दिया.
ट्रेंडलाइन डेटा के मुताबिक 30 जून को एलआईसी (LIC) के पास अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक (Adani Ports & Special Economic) में 9.12%, अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 4.26%, अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas), एसीसी (ACC) और अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) में 6% से अधिक हिस्सेदारी थी.
अडानी ग्रुप के खिलाफ यह दूसरा दावा है, जो हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा भारतीय दिग्गज पर स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने और लेखांकन धोखाधड़ी करने के लिए दशकों पुराने घोटाले में भाग लेने का आरोप लगाने के आठ महीने बाद आया है. अपने एनालिसिस में, हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के साथ मुद्दों का हवाला दिया, जिसमें ऑफशोर टैक्स हेवन का अनुचित उपयोग और उच्च ऋण स्तर शामिल थे, जिसके कारण अडानी ग्रुप के शेयर की कीमत गिर गई.
ओसीसीआरपी (OCCRP) रिपोर्ट के मुताबिक, दो व्यावसायिक सहयोगियों, चांग चुंग-लिंग (Chang Chung-Ling) और नासिर अली शाबान अहली (Nasser Ali Shaban Ahli) ने 2013 से 2018 तक अडानी ग्रुप के स्टॉक में महत्वपूर्ण निवेश किया. इस दौरान पोर्ट्स से लेकर एनर्जी सेक्टर में काफी उछाल देखने को मिली.
मॉरीशस स्थित दो फंडों के जरिए जिनकी देखरेख विनोद अडानी के एक ज्ञात कर्मचारी द्वारा प्रबंधित दुबई स्थित कंपनी द्वारा की जाती थी. कई वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात के नासिर अली शाबान अहली और ताइवान के चांग चुंग-लिंग ने अडानी के साथ करोड़ों डॉलर का कारोबार किया था.
ओसीसीआरपी द्वारा उद्धृत एक पत्र के मुताबिक, बाजार नियामक सेबी (SEBI) को 2014 की शुरुआत में अदानी समूह (Adani Group) द्वारा संभावित रूप से असामान्य शेयर बाजार व्यवहार का प्रमाण मिला था. हालांकि, OCCRP के आरोपों पर अडानी ग्रुप ने गुरुवार को इसे "पुनर्नवीनीकरण आरोप" करार दिया.
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, "हम इन रीसाइकल्ड आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं. ये समाचार रिपोर्टें सोरोस-वित्त पोषित हितों द्वारा विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित योग्यताहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए एक और ठोस प्रयास प्रतीत होती हैं."
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