डीएनए हिंदी: सहारा (Sahara) के 10 करोड़ निवेशकों को आज बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. आज यानी मंगलवार को केन्द्रीय गृह सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) को लॉन्च कर दिया है. इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को उनका निवेश किया हुआ रुपया रिफंड हो जाएगा. बता दें कि यह रिफंड सिर्फ उन्ही को मिलेगा जिनकी मैच्योरिटी पूरी हो गई है. सहारा रिफंड पोर्टल पर निवेश के पैसे की रिफंड से जुड़ी सभी तरह की जानकारी उपलब्ध होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
सहारा में निवेशकों का पैसा लगा हुआ था जिसकी वजह से इसके दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों का पैसा डूब गया था. इस दौरान लाखों की तादाद में सहारा इंडिया (Sahara India) में फंसे निवेशकों को उनकी रकम दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हक में फैसला सुनाया.
सहकारिता मंत्रालय निवेशकों के लिए आया आगे
सहारा ग्रुप की सहारा कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन मल्टीपर्पस सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के पास पैसा जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर 5000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.
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निवेशकों को ऐसे मिलेगा रिफंड
सहारा-सेबी फंड (Sahara-Sebi Fund) में 24000 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा है. यह फंड साल 2012 में बना था. आइए जानते हैं जिन निवेशकों ने सहारा में पैसा जमा किया था वो कैसे चेक कर सकते हैं.
- सबसे पहले निवेशकों को यह पता करना होगा कि उनका किस को-ऑपरेटिव में निवेश किया हुआ रकम लगा हुआ है.
- अब इससे जुड़े सभी डाक्यूमेंट्स को इकठ्ठा करना होगा.
- इस बारे में पोर्टल पर सहारा के एजेंट की इसमें क्या भूमिका होगी उसपर जानकारी होगी.
सहारा में सबसे बड़े उत्तर भारतीयों की संख्या है
सहारा में निवेशकों की बात की जाए तो इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार और मध्य प्रदेश के लोग हैं. सहारा इंडिया में निवेशकों का पैसा पूरी तारह मेच्योर हो गया है लेकिन रिफंड नहीं मिलने की वजह से लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है.
सहारा का विवाद
साल 2009 में सहारा ने अपनी दो कंपनियों सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन का आईपीओ लाने की पेशकश की थी. जैसे ही मार्केट में आईपीओ आया सहारा की सेबी के सामने गलत तरीके से 24 हजार करोड़ रुपये की रकम जुटाने की पोल खुल गई. इसके बाद जब जांच शुरू की गई तो सेबी ने इसमें अनियमितता पाई और वहीं से इसके पतन की कहानी शुरू हुई.
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